डिप्थीरिया के दो केस मिले, विभाग में मचा हड़कंप
डिप्थीरिया के दो रोगी मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। वर्तमान दौर में डिप्थीरिया के रोगी मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चों के परिजनों ने बच्चों को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया.
जागरण संवाददाता, तावडू : डिप्थीरिया के दो रोगी मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। वर्तमान दौर में डिप्थीरिया के रोगी मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चों के परिजनों ने बच्चों को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल दोनों बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
वार्ड 8 निवासी आफिया (8) पुत्री सूबेदीन पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित चल रही थी। उसने अचानक कुछ खाना-पीना बंद कर दिया। परिजनों ने उसका निजी चिकित्सकों से उपचार कराया। लगातार उपचार कराने के बाद भी आराम नहीं मिलने पर परिजनों ने उसे दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया। आफिया का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने उसे डिप्थीरिया से पीड़ित बताया। वहीं गांव चीला निवासी रेहाना (10) पुत्री सलीम भी डिप्थीरिया से पीड़ित है। विभाग के अनुरूप अभी इन दोनों मरीजों की हालत खतरे से बाहर है, लेकिन आज के दौर में डिप्थीरिया जैसा रोग होना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। विभाग का इसके पीछे तर्क है कि कुछ अभिभावक बच्चों का समुचित टीकाकरण नहीं कराते। जिसके चलते इस तरह के केस सामने आते हैं। क्या है डिप्थीरिया :
डिप्थीरिया संक्रामक रोग है। इसमें रोगी के गले में सफेद छाले हो जाते हैं। रोगी कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ हो जाता है। यहां तक कि वह पानी भी नहीं पी पाता। रोगी के संपर्क में आने से अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। समय से उपचार नहीं मिलने से रोगी की मौत भी हो सकती है। इसका नियमित टीकाकरण ही एकमात्र बचाव है। बच्चे को पहले छह माह में डीपीटी के तीन, डेढ़ वर्ष की आयु में चौथा टीका और पांच वर्ष की आयु में बूस्टर लगवाना चाहिए। जो दो केस डिप्थीरिया के मिले हैं वो दिल्ली के अस्पतालों में डिटेक्ट हुए हैं। इन बच्चों के कार्ड पर डिप्थीरिया को सूचीबद्ध किया गया है, टेस्ट में अभी ये सामने नहीं आया है। जिले में जहां भी इस बीमारी के मरीज सामने आ रहे हैं वहां विभाग द्वारा विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। दो ईएनटी सर्जन भी नियुक्त किए हैं जो इन स्थानों पर जाकर डिप्थीरिया की जांच करेंगे।
डॉ. राजीव बातिश, सीएमओ, नूंह।