Move to Jagran APP

वायु प्रदूषण से अस्थमा और टीबी रोगी रहें सावधान

कोरोना संकट के दौरान बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बन रहा है। टीबी व दमा रोगियों को अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 04:36 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 04:37 PM (IST)
वायु प्रदूषण से अस्थमा और टीबी रोगी रहें सावधान
वायु प्रदूषण से अस्थमा और टीबी रोगी रहें सावधान

संवाद सहयोगी, नगीना: कोरोना संकट के दौरान बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बन रहा है। टीबी व दमा रोगियों को अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।

loksabha election banner

सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र यादव ने कहा कि किसानों को भी आम जनता की परेशानियों को देखते व समझते हुए फसल अवशेषों को नहीं जलाना चाहिए। बल्कि उनको गलाकर उनसे खाद तैयार करना चाहिए। ताकि फसल को बेहतर तरीके से उगाया जा सके और वायु को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि लोग फसल के अवशेष, कूड़ा कचरा, लकड़ी और अन्य पदार्थ नहीं जलाएं। इससे वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होगी।

यह बात उन्होंने जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि यदि हम स्वास्थ्य विभाग व सरकार के नियमों को पालन करेंगे तो कोरोना को तो हम जल्द ही हरा देंगे साथ में प्रदूषण से बचे रहेंगे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. बलजिद्र सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण से आखों को भी नुकसान होता है।

डिप्रेशन और कैंसर का भी खतरा: जिला टीबी रोग अधिकारी डाक्टर प्रवीण राज तंवर ने कहा कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से आम जनता को तो परेशानी है ही साथ में अस्थमा, टीबी ब्रोंकाइटिस, दिल से जुड़ी बीमारियां आदि मरीजों को अधिक परेशानी होगी। वायु प्रदूषण के कारण डिप्रेशन और कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए फसलों के अवशेष व कचरा को नहीं जलाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.