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मुआवजा पाने से पहले किसानों को अदा करना होगा बैंकों का कर्ज

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के लिए अधिकृत की गई फिरोजपुर झिरका खंड के 20 गांवों के किसानों को अपनी भूमि का मुआवजा पाने से पहले बैंकों का कर्ज अदा करना होगा। इस संबंध में जिला राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर किसानों को उनकी जमीनों का नो ड्यूज देने का फरमान सुनाया है। राजस्व विभाग के नो ड्यूज मांगने पर किसानों में नाराजगी देखी जा रही है। हालाकि ये भी सत्य

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 07:05 PM (IST)
मुआवजा पाने से पहले किसानों को अदा करना होगा बैंकों का कर्ज
मुआवजा पाने से पहले किसानों को अदा करना होगा बैंकों का कर्ज

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए अधिकृत की गई फिरोजपुर झिरका खंड के 20 गांवों के किसानों की भूमि का मुआवजा पाने से पहले किसानों को बैंकों का कर्ज अदा करना होगा। इस संबंध में जिला राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर किसानों को उनकी जमीनों का नो ड्यूज देने का फरमान सुनाया है। राजस्व विभाग के नो ड्यूज मांगने पर किसानों में नाराजगी देखी जा रही है। हालाकि ये भी सत्य है कि जब किसानों ने अपनी भूमि पर कर्ज लिया है तो उसे चुकाना होगा। उधर, राजस्व विभाग का कहना है जिस भूमि को एक्सप्रेस वे के लिए अधिकृत किया गया है, उस पर किसी बैंक का बकाया नहीं होना चाहिए।

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बता दें कि केंद्र सरकार ने नूंह जिले की धरती से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे निकालने की योजना बनाई है। यह एक्सप्रेस वे नूंह के 85 गांवों से होकर निकलने वाला है। ऐसे में इन गांवों की अधिकृत की गई भूमि का मुआवजा सरकार की ओर से जारी कर दिया गया है। लेकिन इसमें एक अड़चन मुआवजा पाने वाले किसानों के सामने खड़ी हो गई है। अगर किसानों को मुआवजा पाना है तो उन्हें बैंकों का कर्ज अदा कर नो ड्यूज लेना अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली-मुंबई मेगा एक्सप्रेस वे पर एक नजर

यह मार्ग दिल्ली से गुरुग्राम, सोहना और नूंह जिले से होता हुआ राजस्थान और मध्यप्रदेश तथा गुजरात के अति पिछड़े क्षेत्रों से निकलकर मुंबई को टच करेगा। इसके बनने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी काफी कम हो जाएगी। वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी लगभग 1450 किलोमीटर है, जो इस नए एक्सप्रेस वे के बनने के बाद मात्र 1250 किलोमीटर रह जाएगी। मेगा एक्सप्रेस-वे नूंह में रोजगार

नूंह जिला विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। शायद इसी के चलते नीति आयोग द्वारा इसे देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूची में पहले पायदान पर शामिल किया गया है। नीति आयोग की सिफारिश के उपरांत केंद्र और प्रदेश सरकार का ध्यान अचानक तेजी से नूंह की ओर बढ़ने लगा है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस जिले से दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे को निकालने की घोषणा की है। इसके अलावा मेगा एक्सप्रेस के साथ सरकार औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने की योजना बना रही है। यदि दोनों योजनाओं पर यहां काम शुरु होता है तो निश्चित रूप से जिले के लोगों के लिए रोजगार के साधन खुलने वाले हैं। किसानों ने जताई नाराजगी :

रफीक खान, दीन मोहम्मद, मुबीन खान, इकबाल, ईसा खान, रमजान, हाजी जबर खां व शौकत अली ने बताया कि अचानक से प्रशासन ने उनके साथ बैंकों के कर्ज को अदा करने की शर्त रखी है। किसानों में प्रशासन के इस फैसले के प्रति नाराजगी देखी गई। किसानों का कहना है, कि पूर्व में उनको इस तरह के नियम का कोई ज्ञान नहीं था।


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