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12वीं परीक्षा परिणामों में प्रदेश में 20वें स्थान पर रहा नूंह जिला

जागरण संवाददाता, नूंह : 12वीं कक्षा के परिणामों में इस बार नूंह जिला पिछले साल के मुकाबले

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 08:41 PM (IST)
12वीं परीक्षा परिणामों में प्रदेश में 20वें स्थान पर रहा नूंह जिला
12वीं परीक्षा परिणामों में प्रदेश में 20वें स्थान पर रहा नूंह जिला

जागरण संवाददाता, नूंह : 12वीं कक्षा के परिणामों में इस बार नूंह जिला पिछले साल के मुकाबले पिछड़ गया। इस बार 12वीं कक्षा के रिजल्ट में नूंह जिला 20वें नंबर पर रहते हुए केवल पलवल जिले से आगे रहा। नूंह जिले का बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम में 50.22 प्रतिशत रहा है, जिसमें लड़कियों ने बाजी मारी। लड़कियों का रिजल्ट 57.95 प्रतिशत रहा तो लड़कों का 47.46 प्रतिशत रहा। खास बात यह है कि यहा सरकारी स्कूलों में प्राध्यापकों की भारी कमी होने के बाद यह परीक्षा परिणाम प्रदेश के परीक्षा परिणाम से अच्छा रहा है। हालाकि इस बार परीक्षा परिणाम पिछले साल के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। रिजल्ट की मायूसी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के चेहरों पर भी देखने को मिल रही है। देर शाम तक रिजल्ट साइट पर अपलोड ना होने के कारण यह पता नहीं चल पाया कि नूंह जिले में किसने बाजी मारी। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी 12वीं के रिजल्ट से संतुष्ट नजर नहीं आए।

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बता दें, नूंह जिले में बारहवीं कक्षा में 1139 लड़कियों ने तथा 3194 लड़कों ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी थी। जिनमें से 1516 लड़के पास हुए और 660 लड़कियों ने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। अगर औसत रिजल्ट की बात करें तो यह रिजल्ट की बात करें तो यहा भी बेटियों ने यह साबित कर दिया कि वे बेटों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।

64 से 50 प्रतिशत पहुंचा परिमाम :

पिछले साल बारहवीं कक्षा का रिजल्ट 64 प्रतिशत रहा था, इस बार शिक्षा विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद रिजल्ट 50.22 प्रतिशत रहा। हालाकि इस बार रिजल्ट करीब 15 प्रतिशत कर गिरा है। हालाकि इस बार भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बेहतर रिजल्ट के लिए पूरी कोशिश की थी। लेकिन विद्यार्थियों के आगे वे भी बेबस नजर आए।

जिला शिक्षा अधिकारी की योजना भी नहीं आई काम :

इस परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए सत्र की शुरुआत से ही अधिकारियों ने पसीना बहाना शुरू कर दिया था। यहा के स्कूलों में गिरते शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने विशेष रणनीति बनाई। बोर्ड कक्षाओं पर पूरा ध्यान दिया गया। स्टार टीचरों की नियुक्त से लेकर स्कूलों की मॉनीटरिंग व समय-समय पर टेस्ट प्रक्रिया भी रंग नहीं दिखा सकी। विषयवार भी छात्रों के दैनिक परीक्षा भी ली गई। जिन दैनिक परीक्षाओं को मासिक टेस्ट में परिवर्तित कर दिया गया। विज्ञान संकाय में पाच फिजक्स के प्रवक्ता, चार केमिस्ट्री के प्रवक्ता, तीन मैथ के प्रवक्ताओं की सहायता से पूरे जिले की विज्ञान व वाणिज्य संकायों को चलाया गया। हालाकि अपनी मेहनत के आधार पर जिस प्रकार से शिक्षा विभाग के अधिकारी आश्वास्त थे, जिले का रिजल्ट उनकी कसौटी पर खरा नहीं उतरा।

हमने अपनी क्षमता के अनुरूप काफी कोशिश की थी। हर तरीके से रिजल्ट को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया। हालाकि बेटियों को 12वीं की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन रहा है। रिजल्ट को खराब भी नहीं कहा जा सकता। लेकिन उम्मीद के अनुरूप सही भी नहीं है। हम हिम्मत नहीं हारेंगे और आगे फिर बेहतर करने का पूरा प्रयास करेंगे।

- डॉ. दिनेश शास्त्री, जिला शिक्षा अधिकारी नूंह।


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