एसवाईएल बनवाने की घोषणा करवाएं योगेंद्र यादव
जागरण संवाददाता नारनौल नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने किसान आंदोलन में अग्रणी
जागरण संवाददाता, नारनौल: नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा रहे योगेंद्र यादव की विगत दिनों दक्षिणी हरियाणा के किसानों से आंदोलन में भाग नहीं लेने पर शिकायती लहजे में अपनेपन की दुहाई देने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि योगेंद्र यादव दक्षिण हरियाणा के किसानों की तकलीफ एवं उनके दर्द को महसूस करते तो शायद अवश्य ही उन्हें उनमें कथित अपनापन नजर आता। उन्होंने कहा कि लेकिन योगेंद्र यादव यह भूल गए हैं कि दक्षिणी हरियाणा के 200 से अधिक ग्राम पंचायतों द्वारा पंजाब के किसानों से एसवाईएल बनाने की अपील पर योगेंद्र यादव द्वारा चर्चा तो दूर उन्होंने अपने साथियों के साथ दक्षिण हरियाणा के किसानों पर उल्टा किसान आंदोलन को तोड़ने का आरोप लगा दिया। उन्हें शायद इस बात का भी एहसास नहीं है कि इस क्षेत्र में पहली बार विकास के दरवाजे खुले हैं। भाजपा सरकार ने दक्षिणी हरियाणा के आधारभूत ढांचे में आमूलचूल सुधार करते हुए नेशनल हाईवे का एक विस्तृत नेटवर्क प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा में वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर लॉजिस्टिक हब का निर्माण किया जा रहा है। दक्षिणी हरियाणा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है तथा आधा दर्जन नए कालेज खोले गए हैं। दक्षिण हरियाणा के किसान को पहली बार भाजपा सरकार ने नहरों में अभूतपूर्व पानी की सप्लाई दी है तथा किसान का बाजरा 2 साल में ग्यारह सौ रुपये प्रति क्विंटल से इक्कीस सौ पचास रुपये प्रति क्विंटल बिकने लग गया है। उसकी सरसों अब 5000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक बिक रही है। अब उसने खेतों में कपास बोना शुरू कर दिया है तथा कपास की खरीद भी सरकारी एजेंसियां कर रही हैं। जिन लोगों के साथ योगेंद्र यादव मिलकर किसानों के कथित हितों की बात कर रहे हैं उन्हीं लोगों ने पिछले 50 सालों से दक्षिणी हरियाणा के हक का पानी रोक कर क्षेत्र को बर्बाद किया है। इसलिए उनसे अनुरोध है कि अब भी समय रहते पंजाब के किसानों
से एसवाईएल पर सार्थक बात करके सिधु बॉर्डर से यह घोषणा करवाएं कि इस आंदोलन की समाप्ति के बाद पंजाब में वापस जाते ही वह दक्षिणी हरियाणा के किसानों के लिए एसवाईएल के निर्माण में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे।