तीसरे दिन शहर में जलभराव से हुई परेशानी
जिले में शुक्रवार सुबह से ही वर्षा होती रही। कभी तेज तो कभी बूंदाबांदी। दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। इस वजह से मौसम भी सुहाना बना रहा। हालांकि शहर की कालोनियों में जलभराव की वजह से शहरवासियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। कहने को तो नगर परिषद प्रशासन ने मानसून आने से पहले ही शहर के नालों की सफाई के दावे किए थे लेकिन पहली वर्षा में ही ये दावे हवा होते नजर आए।
जागरण संवाददाता,नारनौल: जिले में शुक्रवार सुबह से ही वर्षा होती रही। कभी तेज तो कभी बूंदाबांदी। दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। इस वजह से मौसम भी सुहाना बना रहा। हालांकि, शहर की कालोनियों में जलभराव की वजह से शहरवासियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। कहने को तो नगर परिषद प्रशासन ने मानसून आने से पहले ही शहर के नालों की सफाई के दावे किए थे, लेकिन पहली वर्षा में ही ये दावे हवा होते नजर आए।
पुलिस लाइन के सामने, सैन चौक, अग्रसैन चौक, लोहा मंडी, नलापुर, अनाज मंडी तथा तालाब बहादुर सिंह क्षेत्र में जगह-जगह पानी भर गया। अच्छी बात यह रही कि उपायुक्त डा. जेके आभीर नगर परिषद के अधिकारियों को साथ लेकर खुद शहर में निकल पड़े और उन्होंने जहां-जहां पानी की निकासी में रूकावट थी, उसे तुरंत प्रभाव से दुरुस्त करवाने का कार्य किया। इससे शहरवासियों को पानी भराव से हुई परेशानी कुछ कम महसूस हुई। कहां कितनी वर्षा
नारनौल 43.2
महेंद्रगढ़ 23.3
पाली 15.5
अटेली 9.0
कनीना 14.0
सतनाली 12.5
नांगल चौधरी 8.0 शुक्रवार को नारनौल का अधिकतम तापमान क्रमश 28.0 डिग्री सेल्सियस और महेंद्रगढ़ का 31.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। नारनौल का न्यूनतम तापमान क्रमश:24.5 डिग्री सेल्सियस और महेंद्रगढ़ में 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में हरियाणा एनसीआर दिल्ली और विशेषकर जिला महेंद्रगढ़ पर लगातार मानसून गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। चार और पांच जुलाई को मानसून गतिविधियां में कमी देखने को मिलेगी। हालांकि बीच में बिखराव के रूप में एक दो स्थानों पर हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।छह जुलाई से फिर से मानसून गतिविधियों की सम्पूर्ण हरियाणा में वर्षा की संभावनाएं बन रही हैं। वर्तमान वर्षा खरीफ फसलों के लिए वरदान साबित होगी ।
डा. चंद्रमोहन नोडल अधिकारी, पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल स्कूलों में एक माह बाद हुई हलचल: एक जुलाई से सभी स्कूल खुल गए हैं। शुक्रवार को वर्षा के दौरान छात्र स्कूलों में पहुंचे। एक माह बाद स्कूल खुलने से बच्चों में जोश बना हुआ था। क्योंकि वे पिछले लंबे समय से घरों में छुट्टियां मनाकर लौटे थे। स्कूलों में काफी हलचल दिखाई दी।