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पेयजल की गुणवत्ता के प्रति ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्य किए गए प्रशिक्षित : मंगतुराम सरसवा

जागरण संवाददाता नारनौल जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता स

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 06:26 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 06:26 PM (IST)
पेयजल की गुणवत्ता के प्रति ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्य किए गए प्रशिक्षित : मंगतुराम सरसवा

जागरण संवाददाता, नारनौल: जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में पेयजल की गुणवत्ता एवं क्लोरिनेशन जांच के लिए ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों व उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित कर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उपभोक्ताओं व वीडब्ल्यूएससी सदस्यों को एचटूएस किट व ओटी किट भी पेयजल की जांच के लिए वितरित की जा रही है। यह जानकारी देते हुए जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि जीवन मिशन के तहत विभाग सरकार द्वारा जहां हर घर नल से स्वच्छ पेयजल प्रदान करने का कार्य प्रगति पर है। वहीं उसी जल की गुणवत्ता जांचने के लिए ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को गांव-गांव जाकर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही महिलाओं को भी पेयजल की जांच करने के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए विभाग के बीआरसी की टीम व सक्षम युवाओं के सहयोग से टीमें गठित करके डोर-टू-डोर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आइइसी गतिविधियों के साथ पंप लेट वितरण व एचटूएस किट के माध्यम से पेयजल का जीवाणु परीक्षण किया जाता है। वहीं ओटी किट के माध्यम से पेयजल में क्लोरिन की जांच की जाती है। अभी तक जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम पांच महिलाओं को जीवाणु परीक्षण करने की ट्रेनिग दी जा चुकी है। वहीं सभी ग्राम पंचायतों की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के एक एक सदस्य को क्लोरिन जांच करने के लिए ओटी किट भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि पेयजल संबंधित किसी भी शिकायत निवारण के लिए हरियाणा सरकार ने टोल फ्री नंबर 18001805678 जारी कर रखा है, जिस पर उपभोक्ता अपनी समस्या दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वो उपभोक्ता, जिन्हें उचित मात्रा में पेयजल मिल रहा है, वे अपने पेयजल के बिल का भुगतान भी आनलाइन कर सकते हैं। बाक्स : जिले में 3052 उपभोक्ताओं को जीवाणु परीक्षण किट की दी ट्रेनिग मंगतुराम सरसवा ने बताया कि अभी तक 3052 सैंपल में से 152 सैंपल ही फेल हुए हैं, जिनको दुरुस्त कर रि-सैंपलिग भी की जा चुकी है। इसके साथ-साथ 330 ग्राम पंचायतों की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को पेयजल में क्लोरिन जांच के लिए क्लोरिन किट भी वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मार्च 2022 तक जीवाणु परीक्षण के लिए जिले में 8152 सैंपल जांचने का लक्ष्य है, जिन्हें समय रहते पूर्ण कर लिया जाएगा। इस मौके पर बीआरसी विक्रम सिंह, बीआरसी इंद्रजीत, बीआरसी अनिता, सक्षम युवा अंकुर, डिपल, रेखा, विकास सोनी, मंजू कुमारी, सरिता, विजेन्द्र व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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