गमगीन माहौल में रात को ही कर दिया अंतिम संस्कार
रक्षाबंधन के दिन झज्जर के छूछकवास के पास सड़क हादसे में मारे गए एक परिवार के तीनों सदस्य का रात को ही अंतिम संस्ककार कर दिया गया।
संवाद सहयोगी, कनीना :
रक्षाबंधन के दिन झज्जर के छूछकवास के पास सड़क हादसे में मारे गए एक ही परिवार के तीन सदस्यों का देर रात गांव धनौंदा में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पति पत्नी और एक बेटी की मोटरसाइकिल से जाते हुए डंपर की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई थी। गांव में किसी प्रकार का तनाव नहीं हो इसकी आशंका से बचने के लिए झज्जर से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद सोमवार रात को गांव धनौंदा में अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवार में तीन बच्चे रह गए हैं। रक्षाबंधन के दिन सुबह ओमप्रकाश अपनी पत्नी सुशीला तथा पुत्री मनीषा के साथ मोटरसाइकिल से झज्जर जा रहे थे। छूछकवास के पास मोड़ पर सामने से आ रहे डंपर ने कुचल डाला। घटना की सूचना मिलने के बाद मृतक का पुत्र आशीष, पुत्री निशा तथा एक छोटी पुत्री मंजू को जब यह समाचार मिला तो वे तुरंत झज्जर पहुंचे। अपने परिजनों का शव लेकर रात्रि के समय देर शाम के समय धनौंदा गांव में पहुंचे। जहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। कयास लगाया जा रहा है कि देर रात से पहुंचने तथा किसी ओर अनहोनी की आशंका से देर शाम को ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक ओमप्रकाश के पुत्र आशीष ने उन्हें विलाप करते हुए गमगीन माहौल में अपने माता पिता एवं बहन को मुखाग्नि दी। सरपंच रूपेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस भी एक बार मौके पर पहुंची थी। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी तथा अपनी तरफ से जो कुछ बन सकेगा मदद करने का आश्वासन दिया। मृतक ओमप्रकाश गोल गप्पे की रेहड़ी लगाकर गुजारा करता था। पत्नी सुशीला गृहिणी थी जबकि मृतक की छोटी पुत्री हादसे में मारी गई वह सरकारी स्कूल में पाचवीं कक्षा में पढ़ती थी। अब परिवार में दो बहन और एक भाई बच गए हैं। आशीष सबसे बड़ा भाई है। उनकी बहन निशा सरकारी स्कूल से 12वीं कक्षा पास कर चुकी है। जबकि उनकी छोटी बहन मंजू दसवीं की परीक्षा पास कर चुकी है। सरपंच रूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस दुख की घड़ी में पंचायत और व्यक्तिगत रूप से जो संभव होगा सहयोग किया जाएगा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण सिंह ने कहा कि स्कूल की ओर से भी हर संभव सहयोग किया जाएगा। मुख्याध्यापक महिपाल सिंह, प्राध्यापक राजेश कुमार, प्राध्यापक राजकरण ने कहा कि संकट की घड़ी में अपनी ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।