Move to Jagran APP

एफएम रेडियो की सूची से नारनौल को बाहर करने का मुद्दा गर्माया

जागरण संवाददाता नारनौल नारनौल में दूरदर्शन रिले केंद्र के बंद होने और एफएम के लिए चयनि

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 03:39 PM (IST)
एफएम रेडियो की सूची से नारनौल को बाहर करने का मुद्दा गर्माया
एफएम रेडियो की सूची से नारनौल को बाहर करने का मुद्दा गर्माया

जागरण संवाददाता, नारनौल: नारनौल में दूरदर्शन रिले केंद्र के बंद होने और एफएम के लिए चयनित नहीं होने से जिलावासियों में रोष पनपने लगा है। यह मुद्दा जनआंदोलन का रूप लेता दिखाई दे रहा है। इस मामले में दूरदर्शन और एफएम के श्रोताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि नारनौल के साथ हो रहे भेदभाव की लड़ाई में जो नेता साथ नहीं देगा, शहरवासी उसे वोट भी नहीं देंगे।

loksabha election banner

गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 2021 की रात को नारनौल स्थित दूरदर्शन रिले केंद्र को बंद कर दिया गया था। आमतौर पर हरियाणा दिवस पर सरकार जिले व शहरों को तोहफा देती है, लेकिन एक नवंबर को दूरदर्शन के दर्शकों को रिले केंद्र बंद कर तोहफे की बजाए जोर का झटका दिया गया। रही सही कसर दिसंबर माह में पूरी कर दी गई। 21 दिसंबर को सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने संसद में जवाब दिया था कि देशभर में 116 एफएम केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये एफएम केंद्र बंद किए गए रिले केंद्रों में ही शुरू होने हैं। हरियाणा में भिवानी और जींद को ही एफएम केंद्र के लिए चयनित किया गया है। विडंबना यह रही कि नारनौल दूरदर्शन केंद्र में तमाम सुविधाएं होते हुए भी इसको एफएम केंद्रों की सूची में नाम शामिल नहीं किया गया। इसी वजह से शहरवासियों में नाराजगी बनी हुई है।

बाक्स

नारनौल में सन 1989 से दूरदर्शन रिले केंद्र आस-पास के एरिया में मनोरंजन का एकमात्र साधन होता था। उस समय तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने 2002 में यहां पर डीडी मैट्रो चैनल का उद्घाटन किया था। उस समय अधिकांश दर्शक दूरदर्शन के थे और नारनौल शहरवासी गर्व महसूस करते थे। लेकिन इसके बाद अब इस केंद्र को बंद करके न केवल करोड़ों की संपत्ति को खराब किया जा रहा है, बल्कि मनोनंजन के क्षेत्र में यह बहुत बड़ा झटका है। यह सब इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की कमजोरी की वजह से हो रहा है।

- सूबेदार मेजर कर्ण सिंह बाक्स

दूरदर्शन सेवा केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि यह जरूरी सेवा के तहत संचालित किया जा रहा था। आपात स्थिति में केंद्र सरकार के पास दूरदर्शन और रेडियो सूचना देने के लिए अबाधित माध्यम होता है। लेकिन, इनके बंद किए जाने से सरकार के संदेश को आपात स्थिति में नहीं पहुंचाया जा सकेगा। नारनौल में यदि एफएम केंद्र बना रह जाता तो यह आपात में संदेश देने का विकल्प बना रहता। लेकिन, अब महेंद्रगढ़ जिले में ऐसा कोई विकल्प नहीं है, जिससे सरकार अपने संदेश को आमजन तक पहुंचा सके। सेटेलाइट से संचालित वाले चैनलों को दुश्मन तकनीकी रूप से फेल कर सकते हैं। दूरदर्शन रिले केंद्रों में सूचना प्रसारण हेतु टेरस्ट्रियल प्रसारण द्वारा सूचनाएं प्रसारित होती हैं, जो कि आपात स्थिति में भी कारगर हैं। -डा. अनिल यादव बाक्स

पिछले कई वर्षों से नारनौल में पहले दूरदर्शन रिले केंद्र को बचाने के लिए संघर्ष किया। लेकिन यह प्रयास कामयाब नहीं हो सके। अब एफएम के मामले में भी नारनौल के साथ खुला भेदभाव किया जा रहा है। इसके लिए इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी जिम्मेदार है। क्षेत्र के सांसद के सामने यह मामला अनेकों बार उठाया जा चुका है। इसके बावजूद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। अब नारनौल की जनता मताधिकार के द्वारा नेताओं को अपना जवाब देगी।

-अशोक शर्मा बाक्स

इस मामले में हम कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे। जनहित याचिका के जरिए नारनौल के साथ हो रहे भेदभाव को उठाएंगे। इसके लिए न्यायालय से न्याय की उम्मीद है। नेताओं से तो अब जनता ने उम्मीद करना छोड़ दिया है।

- एडवोकेट जितेंद्र यादव बाक्स

असल में आज पूरे देश में प्राइवेट चैनलों की भरमार हो चुकी है। इसका खामियाजा दूरदर्शन को उठाना पड़ा। सरकार की ओर से वर्तमान में चल रहे आल इंडिया रेडियो का कोई भी स्टेशन महेंद्रगढ़ जिले के समीप नहीं है। इस वजह से कोई रेडियो एफएम की आवाज इस क्षेत्र में सुनाई नहीं देती है। इसलिए एक आल इंडिया रेडियो एफएम जिले में संचालित होना बहुत जरूरी है।

- पारस शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.