तीन दिन की वर्षा ने पेड़-पौधों में डाला नया जीवन
लंबे समय से गर्म हवाओं को झेलने की वजह से सूख रहे पेड़-पौधे में तीन दिन की वर्षा ने जान डाल दी है। प्रकृति ने खूबसूरती बिखेरनी शुरू कर दी है। नारनौल के आस-पास के पहाड़ों पर सूखने के कगार पर पहुंचे पेड़ अब हरे-भरे हो गए हैं। पार्कों में भी पेड़ों पर रौकन देखते बनती है। भूमि पर हरी पट्टी दिखाई देने लगी है और मौसम का खुशगवार होने का फायदा हर जीव-जंतु को हो रहा है।
जागरण संवाददाता,नारनौल: लंबे समय से गर्म हवाओं को झेलने की वजह से सूख रहे पेड़-पौधे में तीन दिन की वर्षा ने जान डाल दी है। प्रकृति ने खूबसूरती बिखेरनी शुरू कर दी है। नारनौल के आस-पास के पहाड़ों पर सूखने के कगार पर पहुंचे पेड़ अब हरे-भरे हो गए हैं। पार्कों में भी पेड़ों पर रौकन देखते बनती है। भूमि पर हरी पट्टी दिखाई देने लगी है और मौसम का खुशगवार होने का फायदा हर जीव-जंतु को हो रहा है।
शुक्रवार सुबह दैनिक जागरण ने नारनौल शहर के पास स्थित रघुनाथपुरा की पहाड़ियों और हनुमान मंदिर के पास स्थित पार्क का दौरा किया। इस दौरान पार्क की हरियाली और पहाड़ों के ऊपर से विचरण करते बादल प्रकृति को मनोरम बनाए हुए थे। हलकी ठंडी हवा सुहावनी बनी हुई थी। चिड़िया, कबूतर और तितलियों की भरमार से प्राकृतिक वातारण अपने खूबसूरत अंदाज में हर किसी को अपनी और आकर्षित कर रहा था। सुबह करीब सात बजे भले ही वर्षा की वजह से आगंतुकों की संख्या कम थी पर रिमझिम वर्षा के बीच यहां विचरण करना आनंदमय बना हुआ था। इसी पार्क के पास पुलिस विभाग द्वारा बनाए गए हंस तालाब में हंसों के जोड़े, इम्मू पक्षी और खरगोश भी इस मौैसम का आनंद लेते दिखाई दिए।
मई और जून में जिले में भीषण गर्मी पड़ी। तापमान कभी 46 डिग्री से अधिक पहुंचा तो 43 से 44 डिग्री आमतौर पर रहा। इस वजह से पेड़ पौधे सूख रहे थे और मैदानों से घास भी गायब हो गया था। पशुओं के लिए चारे का भारी संकट खड़ा हो गया था। मानसून की इस वर्षा से जहां चारे का संकट दूर होगा। गर्मी से राहत तो मिल ही गई है।