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पांचवीं और आठवीं कक्षा में बोर्ड शुरू करने का फैसला सहरानीय

हरियाणा सरकार ने राज्य के स्कूलों में 10वीं और 12वीं के बाद पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए भी अब बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। इस ऐतिहासिक निर्णय से शिक्षा प्रणाली में उच्चस्तरीय सुधार होगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:54 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:54 PM (IST)
पांचवीं और आठवीं कक्षा में बोर्ड शुरू करने का फैसला सहरानीय
पांचवीं और आठवीं कक्षा में बोर्ड शुरू करने का फैसला सहरानीय

संवाद सूत्र,नांगल चौधरी: हरियाणा सरकार ने राज्य के स्कूलों में 10वीं और 12वीं के बाद पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए भी अब बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। इस ऐतिहासिक निर्णय से शिक्षा प्रणाली में उच्चस्तरीय सुधार होगा।

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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से संबंधित राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में निर्णय लागू होगा। हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि इसी सत्र से दोनों कक्षाओं में बोर्ड लागू होगा। यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा में फेल रहता है तो उसे दो माह का अतिरिक्त शिक्षण देकर पुन: परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। यदि वह अतिरिक्त शिक्षण और पुन: परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहता है तो उसे उपरोक्त कक्षा में रखा जाएगा। उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थी को एक माह के अंदर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

बता दें कि प्रदेश में 12 साल पहले राइट-टू एजुकेशन एक्ट लागू किया गया था। इस एक्ट में आठवीं कक्षा तक किसी भी विद्यार्थी को अनुत्तीर्ण नहीं करने का नियम था और अगली कक्षा में प्रमोट किया जाता था। ऐसा होने से विद्यार्थियों के शिक्षास्तर में गिरावट महसूस हो रही थी।

इस नियम के चलते स्कूलों में अध्यापक द्वारा पहली से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए अलग ही धारणा बनी हुई है। स्कूलों द्वारा बोर्ड की कक्षाओं पर ही अधिक ध्यान दिया जाता है। विद्यालय अपने-अपने परिणामों को चमकाने के चक्कर में रहते हैं। इससे निचली कक्षा के विद्यार्थियों का शिक्षा का स्तर गिरता गया। पुराने नियम से विद्यार्थी नौवीं कक्षा में बिना पढ़े-लिखे पहुंचने की धारणा बन गई थी। अब पांचवीं कक्षा में बोर्ड लगने से विद्यार्थियों में सुधार की किरण नजर आ रही है। पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों में शिक्षकों और अभिभावकों को निचले स्तर से मेहनत करनी पड़ेगी वरना विद्यार्थी को फेल की स्थिति में दोबारा उसी कक्षा में बैठना पड़ सकता है।

पांचवीं कक्षा में बोर्ड लगाने का शिक्षा निदेशालय का फैसला सराहनीय है। इससे शिक्षा क्षेत्र में 100 प्रतिशत सुधार आएगा। विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों में भी शिक्षा की ललक जगेगी। साथ ही प्रतियोगिता भी बढ़ेगी, जिससे उच्च शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

देवेंद्र कुमार, अध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, नांगल चौधरी हरियाणा सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव अच्छी पहल है। इससे विद्यार्थियों की हाजिरी प्रतिशत में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। स्कूलों का आपस में परिणाम अच्छा देखने को मिलेगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में पढ़ाई की ललक फिर से जगने की उम्मीद दिखाई दे रही है।

नितीश कुमार, अभिभावक


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