एक रुपये कम खर्च किया तो स्टेट अवार्ड से कर दिया अयोग्य
हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा इस बार स्टेट अवार्ड के लिए देरी से आवेदन मांगे गए थे।
संवाद सहयोगी, कनीना: हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा इस बार स्टेट अवार्ड के लिए देरी से आवेदन मांगे गए थे। हर वर्ष 5 सितंबर को स्टेट अवार्ड दिए जाते हैं, कितु इस बार जहां 15 नवंबर तक स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन मांगे गए थे वहीं अब साक्षात्कार भी जिला स्तर पर पूर्ण हो चुके हैं। परंतु इस स्टेट अवार्ड के लिए साक्षात्कार देने वाले शिक्षक बहुत परेशान नजर आ रहे हैं। अनेकों खामियां सामने आ रही हैं। शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने स्कूल एवं समाज के लिए 50 हजार रुपये खर्च किए थे, जिसके अलग से अंक मिलते हैं। उन्होंने बताया कि 50 हजार रुपये स्कूल समाज पर खर्च किये हैं और इसकी सर्टिफिकेट पेश की तो उन्हें कोई अंक नहीं मिला। कमेटी ने यह कहकर कोई अंक नहीं दिया कि 50 हजार 1 रुपये जमा करने चाहिए। एक रुपये के कारण उनके अंक काट लिये गये। जिन स्कूलों को सौंदर्यीकरण में पुरस्कार मिला था, उनको भी अंक देने से इंकार कर दिया कि मुख्य अध्यापकों व प्राचार्यों ने लिखित सर्टिफिकेट दे दी, कितु मिले स्कूल को अवार्ड की प्रति नहीं लगाई। शिक्षकों को कहना है कि प्राचार्यों ने लिखित रूप से सर्टिफिकेट दी है, उसकी जांच करवानी चाहिए, यदि शिक्षक दोषी है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए, वरना उन्हें अंक मिलने चाहिए।
शिक्षकों का यह भी आरोप है कि आवेदन करने वालों को दो दिनों तक बुलाया, कितु दूसरे दिन जल्दी-जल्दी कार्य पूर्ण करवा दिया। सही ढंग से कागज तक चेक नहीं किये। एक शिक्षक ने बताया कि उसे कहा गया कि आनलाइन अपलोड की गई फाइल नहीं खुल रही है। शिक्षक ने बताया कि उन्होंने छह वीडियो डाली थी, जिनकी साक्षात्कार कमेटी ने कहा कि केवल दो वीडियो डाले हैं। शिक्षक जिद पर अड़ा रहा तब कमेटी ने कहा कि शेष वीडियो खुल नहीं रही हैं। ऐसे में शिक्षकों में रोष पनप रहा है और स्टेट अवार्ड मसले की उच्च स्तरीय जांच की जाने की मांग उठने लगी है। ऐसे में शिक्षकों ने उच्चाधिकारियों समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायत कर दी है।