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सेवा व संस्कार भारतीय संस्कृति के आधारभूत तत्व

सेवा और संस्कार भारतीय संस्कृति के आधारभूत तत्व हैं जो मानवीय भावों का परिष्कृत करते हैं। उक्त विचार प्रमुख शिक्षाविद सेवानिवृत्त उप जिला शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह यादव ने गांव गुजरवास में पर्यावरण प्रेमी नंदराम लखेरा की पुण्य स्मृति में आयोजित स्मृति शेष एवं सांस्कृतिक चेतना कार्यक्रम में व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 10:29 PM (IST)
सेवा व संस्कार भारतीय संस्कृति के आधारभूत तत्व
सेवा व संस्कार भारतीय संस्कृति के आधारभूत तत्व

संवाद सहयोगी, मंडी अटेली: सेवा और संस्कार भारतीय संस्कृति के आधारभूत तत्व हैं, जो मानवीय भावों का परिष्कृत करते हैं। उक्त विचार प्रमुख शिक्षाविद सेवानिवृत्त उप जिला शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह यादव ने गांव गुजरवास में पर्यावरण प्रेमी नंदराम लखेरा की पुण्य स्मृति में आयोजित स्मृति शेष एवं सांस्कृतिक चेतना कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता द सोसाइटी फार सोशल जस्टिस नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह एडवोकेट ने की जबकि मंच संचालन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान विजयपाल रोहिला ने किया।

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बतौर मुख्य अतिथि डा. राजेंद्र ने कहा कि शिक्षा से ही सभ्य समाज का निर्माण संभव है। अव्वल एक बच्चे को सुसंस्कृत बना देना, एक संस्था को पोषित करने के समान है। मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी गुजरवास के तत्वावधान में आयोजित स्मृति शेष एवं सांस्कृतिक चेतना कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध लोक कवि एवं रेडियो सिगर दलबीर सिंह ने डा. सीएस वर्मा द्वारा रचित भारत माता वंदना से किया। इस दौरान लोक गायक एवं प्रचारक रामोतार पुरुषार्थी द्वारा देशभक्ति एवं सांस्कृतिक चेतना पर आधारित सुंदर प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में असहाय एवं दिव्यांग लोगों को गर्म वस्त्र भेंट कर सम्मानित भी किया गया। इस दौरान विशिष्ट वक्ता आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. ललित मोहन जोशी एवं सर्व कर्मचारी संघ के पूर्व प्रधान धर्मेंद्र यादव ने कहा कि कम होती जा रही संवेदनशीलता के इस युग में मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा उठाया गया यह सराहनीय कार्य है। निश्चय ही ऐसे कार्यक्रमों से भावी पीढ़ी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग बनेगी तथा उनमें बुजुर्गों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी।


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