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नाइजीरिया में समुद्री जहाज अपहृत, बेटे के इंतजार में पथरा रही आंखें

नाइजीरिया में अपहृत किए गए समुद्री जहाज में सवार ग्राम डेरोली अहीर (खंड महेंद्रगढ़) निवासी जयसिंह का एक सप्ताह से कोई सुराग नहीं है जबकि अपहरण के बाद से परिजन ही नहीं ग्रामीण भी चितित हैं और उनके मां-बाप की तो इंतजार में आंखें पथरा गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:13 AM (IST)
नाइजीरिया में समुद्री जहाज अपहृत, बेटे के इंतजार में पथरा रही आंखें
नाइजीरिया में समुद्री जहाज अपहृत, बेटे के इंतजार में पथरा रही आंखें

जागरण संवाददाता, नारनौल : नाइजीरिया में अपहृत किए गए समुद्री जहाज में सवार ग्राम डेरोली अहीर (खंड महेंद्रगढ़) निवासी जयसिंह का एक सप्ताह से कोई सुराग नहीं है, जबकि अपहरण के बाद से परिजन ही नहीं, ग्रामीण भी चितित हैं और उनके मां-बाप की तो इंतजार में आंखें पथरा गई हैं। जयसिंह मर्चेंट नेवी में बतौर थर्ड अफसर कार्यरत है और गत 3 दिसंबर को नाइजीरियाई समुद्री लुटेरों ने उस जहाज का अपहरण कर लिया था, जिसमें जयसिंह समेत 26 लोग सवार थे, इनमें से 18 भारतीय हैं। जयसिंह के पिता सुरेंद्र सिंह के मुताबिक उनका नाइजीरियाई दूतावास एवं संबंधित कंपनी से लगातार संपर्क बना हुआ है। मंगलवार दोपहर करीब दो बजे भी उनकी बातचीत हुई है, जिसमें सबको सकुशल बताया गया है।

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ग्राम डेरोली अहीर निवासी करीब 26 वर्षीय जयसिंह वर्ष 2012 में मर्चेंट नेवी में भर्ती हुआ था और मुंबई की एंग्लो इस्टर्नशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मर्चेट नेवी में थर्ड अफसर के पद पर तैनात है। पिता सुरेंद्र सिंह के मुताबिक वह कोर्स पूरा करने के लिए दिल्ली आया हुआ था और दो अक्टूबर को गांव डेरोली अहीर से दिल्ली गया था। दिल्ली से ही वह सीधा हवाई जहाज के जरिए हांगकांग (सिगापुर) में कंपनी चला गया था। वहां से कंपनी का समुद्री जहाज अफ्रीकन कंट्री नाइजीरिया के लिए कच्चा तेल लेने चला था। मगर जब जहाज तेल लेकर लौट रहा था, तब 3 दिसंबर की रात को नाइजीरिया तट के पास समुद्री लुटेरों ने हांगकांग के झंडे वाले वीएलसीसी एनएवीई कांस्लेशन जहाज पर हमला कर उसका अपहरण कर लिया। पिता के मुताबिक जहाज से लोगों के अपहरण की सूचना के बाद से भारत सरकार व कंपनी के अधिकारी लगातार लुटेरों यानी अपहरणकर्ताओं के साथ-साथ अफ्रीकी राष्ट्र के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।

पिता सुरेंद्र सिंह के मुताबिक 4 दिसंबर को जहाज के अपहरण होने की जानकारी फोन पर मिली। कंपनी ने एक हेल्पलाइन नंबर भी परिवार के लोगों को दिया है, जिस पर परिवार के लोग बीच-बीच में जहाज को छुड़ाए जाने को लेकर जानकारी जुटाते रहते हैं। उनके मुताबिक अपहरण की सूचना से जयसिंह के परिवार समेत ग्रामीण भी दुखी हैं। जयसिंह अविवाहित है। छोटी बहन बीएससी में पढ़ रही है। सुरेंद्र सिंह गांव में खेतीबाड़ी का काम करते हैं। वह गांव के पंच रह चुके हैं।

सुरेंद्र सिंह ने जागरण संवाददाता को बताया कि जहाज छुड़वाने के लिए भारत सरकार एवं कंपनी पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं। एक दिन पहले सोमवार को दिल्ली से भारत सरकार के अधिकारी उनके घर पर संपर्क भी कर चुके हैं। उन्होंने भी आश्वासन दिया कि भारत सरकार मामले को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने सभी भारतीय नागरिकों के सकुशल लौटने का भरोसा दिलाया है।

मंत्री से भी मिले हैं परिजन :

दो दिन पहले जयसिंह के परिजन नारनौल के विधायक एवं हरियाणा सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव से भी मुलाकात कर उनसे सहयोग मांगा है। मंत्री ने विदेश मंत्रालय से बातचीत कर उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

समुद्री जहाज से लाया जा रहा है कच्चा तेल :

जानकारी के मुताबिक नाइजीरियों द्वारा अपहृत किए गए समुद्री जहाज से कच्चा तेल लाया जा रहा है। पश्चिमी अफ्रीका की समुद्री सीमा में समुद्री डाकुओं ने 3 दिसंबर को हांगकांग के ध्वज वाले जहाज का अपहरण कर लिया था। क्षेत्र में समुद्री विकास पर नजर रखने वाली एक वैश्विक एजेंसी ने यह जानकारी भारत सरकार को दी थी। समुद्री जहाज का उक्त दल कच्चे तेल के बड़े तेल टैंकर पर तैनात था। यह घटना नाइजीरिया के बोनी अपतटीय टर्मिनल के दक्षिण में 66 समुद्री मील की दूरी पर हुई। रिपोर्ट में बताया गया कि यह जहाज बोनी अपतटीय टर्मिनल से चला था। यह लगभग 13.3 समुद्री मील पर चल रहा था। 2010 में निर्मित टैंकर का स्वामित्व नेवियस मरीटाइम एक्वीजिशन के पास है।


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