प्रस्तावित लीड..कागजों में सिमटी स्कूल सौंदर्यीकरण योजना
राजकुमार, नारनौल मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का लाभ लेने के लिए
राजकुमार, नारनौल
मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का लाभ लेने के लिए अब तक जिले के प्राथमिक से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक के स्कूलों ने इस साल कदम नहीं बढ़ाए हैं, जबकि शिक्षा का आधे से ज्यादा सत्र बीत चुका है। इस योजना के क्रियान्वयन में बरती जा रही सुस्ती के चलते स्कूलों में स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत मिशन को भी ग्रहण लग रहा है।
सरकार ने स्कूलों में सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण प्रोत्साहन पुरस्कार योजना शुरू की हुई है। इस योजना के तहत प्राथमिक पाठशाला, माध्यमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्तर पर चार स्कूलों का चयन किया जाता है। इस वर्ग की स्कूलों में से जिले में चार-चार स्कूलों का खंड स्तर पर चयन किया जाता है। खंड स्तर पर विजेता स्कूल को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
खंड स्तर की चार विजेता स्कूलों का जिला स्तर पर चयन किया जाता है और विजेता स्कूल को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसी प्रकार राज्य स्तर पर इस प्रतियोगिता में विजेता को पांच-पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाता है। मगर विडंबना की बात यह है कि अब तक इस योजना को लेकर सरकारी स्कूल एवं शिक्षा विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा। इसी के चलते अब तक किसी भी विद्यालय ने इस योजना का लाभ लेने के लिए शिक्षा अधिकारी कार्योलयों में आवेदन तक नहीं किया है।
यह होती है चयन प्रक्रिया :
सीएम स्कूल सौंदर्यीकरण योजना में हिस्सा लेने के लिए जो स्कूलें आवेदन करती हैं, उनका निरीक्षण दल द्वारा दौरा कर मूल्यांकन किया जाता है। खंड स्तर पर इस दल में उपमंडल अधिकारी नागरिक, बाल विकास परियोजना अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी एवं दो वरिष्ठतम प्रधानाचार्य शामिल होते हैं। जबकि जिला स्तर की कमेटी के अध्यक्ष एडीसी होते हैं, जबकि जिला वन अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शामिल होते हैं। ये टीम आवेदन करने वाली स्कूलों में सौंदर्यकरण के प्रत्येक पहलु का मूल्यांकन करती हैं, जिसके आधार पर मेरिट तैयार कर परिणाम निकाले जाते हैं।
जिले में स्कूलों की स्थिति :
इस समय महेंद्रगढ़ जिले में 475 राजकीय प्राथमिक पाठशाला हैं। इसी प्रकार 132 मिडिल, 44 हाई स्कूल एवं 102 सीनियर सेकेंडरी चल रही हैं। महेंद्रगढ़ जिले में शिक्षा विभाग के पांच खंड बने हुए हैं, जिनमें नारनौल, अटेली, कनीना, नांगल चौधरी एवं महेंद्रगढ़ शामिल हैं। प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक चार वर्ग बनाए गए हैं, जिनमें से एक-एक स्कूल का चयन किया जाता है।
वर्जन:
''इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखे जा चुके हैं। इस माह इस पर तेजी से कार्य किया जाएगा।
- मुकेश लावणिया, जिला शिक्षा अधिकारी, नारनौल।