राव भगवान सिंह ने दिया है बेसहारों को सहारा
साधारण परिवार में जन्मे राव भगवान सिंह ने हमेशा बेसहारों का सहारा बने रहे। उनका 1946 में जन्म हुआ।
संवाद सहयोगी, कनीना: साधारण परिवार में जन्मे राव भगवान सिंह ने हमेशा बेसहारों का सहारा बने रहे। उनका 1946 में जन्म हुआ। उन्होंने हिदी, इतिहास एवं राजनीति शास्त्र तीन विषयों में स्नातकोत्तर तथा शिक्षा शास्त्र में स्नातक उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1971 से वर्ष 2004 तक वे लगातार शिक्षा विभाग में सेवा करते रहे और फिर मुख्याध्यापक पद से सेवानिवृत्त होकर जनसेवा में जुट गए। विगत कई वर्षों से राव भगवान सिंह समाजसेवा में तल्लीन हैं। कनीना कालेज में बड़े हाल का निर्माण, महेंद्रगढ़ तथा कुरुक्षेत्र की यादव धर्मशालाओं में कमरों को निर्माण करवाना, गुढ़ा स्कूल में मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना करवाना, गायों के लिए चारा, अनाज एवं धन देना प्रमुख कार्यक्रम रहे हैं। अब तक कनीना की श्रीकृष्ण गोशाला में डेढ़ लाख रुपये राशि बतौर चंदा दे चुके हैं। आस पास गांवों में लोगों में गरीब कन्याओं की शादी में बढ़चढ़ कर दान देते आ रहे हैं। वर्ष 1973-74 में जब उन्हें वेतन 340 रुपये मिलता था, तब भी उन्होंने मेघनवास में गरीब कन्या की शादी के लिए पांच सौ रुपये कन्यादान दिए थे। गुढ़ा की एक कन्या के विवाह में 50 हजार तथा एक गरीब व्यक्ति की सहायता के लिए 51 हजार रुपये दान दिए।राव भगवान सिंह की इच्छा है कि आधुनिक तंत्र में फेरबदल हो। तंत्र पूर्णरूप से निष्पक्ष एवं पारदर्शी हो। करीब 30 सालों तक शिक्षा के क्षेत्र में नाम एवं धाक जमाने वाले भगवान सिंह ने आज वो पहचान बनाई है जो शायद किसी शिक्षक ने बनाई हो। कई हजार लड़कियों को बेहतर शिक्षा देकर नाम कमा चुके हैं। ककराला स्कूल से चंद वर्ष पूर्व बतौर मुख्याध्यापक सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने जनसेवा अपना ध्येय बनाया हुआ है।
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समाज सेवा में नाम है भगत सिंह कनीना का
फोटो संख्या 2
संवाद सहयोगी,कनीना: कनीना के समाजसेवी भगत सिंह का जो कनीना पालिका के पार्षद भी रह चुके हैं। 53 वर्षीय मृदु स्वभाव वाले भगत सिंह विगत 20 वर्षों से समाजसेवा में तल्लीन हैं। कनीना एवं आस-पास गांवों में लोगों के लिए पानी के कई ट्यूबवेल स्थापित करवाए हैं। प्रतिवर्ष गायों की सेवा के लिए 200 क्विंटल बाजरा एवं अन्य अन्न देना, किसी भी स्कूल या संस्था में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर आगे आना तथा बढ़-चढ़ कर दान देना, हवन आदि में भाग लेकर दान पुण्य उनका मुख्य लक्ष्य रहा है। उनके उदार दिल को देखते हुए तथा जन समर्पण भाव को ध्यान में रखकर वर्ष 2009 में कनीना पालिका का निर्विरोध पार्षद चुना गया था। उन्होंने तभी से किसी गरीब लड़की की शादी में बढ़ चढ़कर कपड़े, धन आदि से सेवा करने का निश्चय लिया। आज तक वे इसी काम में जुटे हुए हैं। गोशालाओं को लाखों रुपये व गाड़ी आदि दान कर चुके हैं। भगत सिंह का कहना है कि वह नहीं चाहते कि उनको दान दक्षिणा के लिए जाना जाए।