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मारपीट का विरोध, जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन

निजामपुर रोड स्थित जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों के साथ राजेंद्र गुप्ता उर्फ राजू ठेकेदार उनके वर्क सुपरवाइजर होशियार उर्फ पटवारी व उनके कारिदों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों द्वारा धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:18 AM (IST)
मारपीट का विरोध, जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन
मारपीट का विरोध, जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, नारनौल : निजामपुर रोड स्थित जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों के साथ राजेंद्र गुप्ता उर्फ राजू ठेकेदार, उनके वर्क सुपरवाइजर होशियार उर्फ पटवारी व उनके कारिदों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों द्वारा धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कर्मचारी रोष स्वरूप आक्रोश प्रदर्शन करते हुए कार्यालय से लघु सचिवालय पहुंचे और वहां डीसी की गैर-मौजूदगी में नायब तहसीलदार रतनलाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में मारपीट के उपरांत उनकी शिकायत पर आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के बजाए एक महिला की शिकायत पर उल्टा कार्यकारी अभियंता व उनके ही खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने का भारी रोष था। इस मामले में मंगलवार को कार्यकारी अभियंता केके गिल की ओर से अधिकारियों को मुकदमा दर्ज करने की बाबत पत्र लिखे गए। मामले की जांच डीएसपी विनोद कुमार करेंगे।

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वर्तमान कार्यालय परिसर में राजू ठेकेदार द्वारा कार्यालय के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है। सोमवार प्रात: करीब 11 बजे गाड़ी खड़ी करने को लेकर राजू ठेकेदार, वर्क सुपरवाइजर होशियार उर्फ पटवारी, उनके कारिदों तथा कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया था। कर्मचारियों का आरोप था कि ठेकेदार राजू व उसके कारिदों ने कार्यकारी अभियंता केके गिल व एसडीइ गोपाल आदि की मौजूदगी में उपाधीक्षक प्रवीण शर्मा व ऑपरेटर सतेंद्र सरदार के साथ मारपीट करने व उनसे गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। मारपीट के शिकार कर्मचारियों को उपचार के लिए नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन प्रवीण शर्मा की हालत ज्यादा खराब होने के कारण वह बयान देने में असमर्थ रहे। बयान नहीं होने के कारण पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था। उल्टे उनके ही खिलाफ पुलिस द्वारा एक मुकदमा दर्ज कर लिया गया, जिसको लेकर कर्मचारियों ने प्रात:काल को कार्यालय परिसर में कामकाज का बहिष्कार कर तंबू गाड़कर धरना शुरू कर दिया। धरने में कर्मचारियों ने ठेकेदार व उसके कारिदों के दु‌र्व्यवहार व मारपीट की कड़ी आलोचना की और कहा कि प्रवीण शर्मा को गिरेबां दबाकर जान से मारने का प्रयास किया गया और सरदार सतेंद्र की पगड़ी जमीन पर गिराकर उनसे जातिसूचक गाली-गलौज किया गया। इसलिए मारपीट करने वालों पर होना चाहिए था, न कि इन निर्दोष कर्मचारियों पर। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार पैसे वाला है और ऊंची पहुंच रखता है। उन्होंने एक षड्यंत्र के तहत महिला से यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दिलवाकर नाजायज मुकदमा दर्ज कराया गया है।

इन्हीं बातों को लेकर कर्मचारियों ने कार्यालय से लघु सचिवालय तक आक्रोश प्रदर्शन किया तथा प्रशासन को एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों में मैकेनिकल यूनियन के प्रधान रमेश चंद, मनीष कुमार महासचिव, परमजीत उपप्रधान, दिलबाग क्लर्क, अरुण कुमार, संदीप कुमार, चोटीलाला प्रधान, विक्रम सिंह एसडीसी, सर्व कर्मचारी संघ की केंद्रीय कमेटी के सदस्य महेंद्र बोयत व मैकेनिकल यूनियन अध्यक्ष दीपक शांडिल्य समेत अनेक कर्मचारी मौजूद थे। नायब तहसीलदार रतनलाल ने उन्हें ज्ञापन उपायुक्त तक भेजने का आश्वासन दिया।

शिकायत मिलने पर ठेकेदार व कारिंदे पर केस दर्ज

सिटी एसएचओ ने बताया कि कल उन्हें कर्मचारियों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली थी। आज अब दोपहर बाद इनकी शिकायत मिल गई है और उस पर कार्रवाई की जा रही है। केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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कार्यकारी अभियंता समेत चार पर छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज

जागरण संवाददाता, नारनौल : शहर पुलिस ने राजस्थान की रहने वाली एक महिला की शिकायत पर जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता केके गिल, हेड क्लर्क प्रवीण शर्मा, कंप्यूटर ऑपरेटर सतेंद्र सिंह व ठेकेदार हरेंद्र के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने व जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया है। बहरोड़ एरिया से आकर गणेश कॉलोनी में रह रही महिला की शिकायत है कि 17 फरवरी को प्रात: 11 से 11:30 बजे के मध्य उक्त अधिकारी समेत अन्य लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने शिकायत मिलने के उपरांत उक्त सभी आरोपित के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच डीएसपी विनोद कुमार द्वारा की जाएगी।

दूसरी ओर धरनारत सभी कर्मचारियों का कहना था कि यह मामला एकदम झूठा एवं बनावटी है और यह राजू ठेकेदार के इशारे पर कराया गया है, ताकि हमारे द्वारा दी गई शिकायत को वापस लेने के लिए नाजायज दबाव बना सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार पैसे वाला है और ऊंची पहुंच रखता है तथा मामले को दबाने के लिए नाजायज दबाव बनाना चाहता है। इस मामले में राजू ठेकेदार पहले ही अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन कर चुका है।

इस पूरे घटनाक्रम के उपरांत मंगलवार प्रात: कार्यकारी अभियंता केके गिल कार्यालय पहुंचे तथा इस मामले का हवाला देते हुए एसपी, डीसी व एसई आदि को पत्र लिखे तथा महिला द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए ठेकेदार व उसके कारिदों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की।

एक्शन केके गिल ने बताया कि कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई है। घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद थे। किसी महिला से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई और न ही वह ऐसी किसी महिला को जानते हैं, एकदम झूठी शिकायत है। उस वक्त महिला स्टाफ समेत सभी कर्मचारी व अन्य लोग भी मौजूद थे।

सरदार सतेंद्र सिंह समेत सभी आरोपितों ने अपने ऊपर लगे महिला छेड़छाड़ के आरोपों का खंडन करते हुए इसे एकदम झूठा एवं षड्यंत्र बताया है।


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