दो सौ मीटर की दूरी तय करने को दो किलोमीटर लंबी यात्रा
गांव मिर्जापुर-बाछौद के ग्रामीण पिछले एक पखवाड़े से अंडरपास निर्माण किया गया।
जागरण संवाददाता, नारनौल:
गांव मिर्जापुर-बाछौद के ग्रामीण पिछले एक पखवाड़े से अंडरपास निर्माण कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। इन ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें दो सौ मीटर की दूर अपने खेतों में जाने के लिए दो से चार किलोमीटर तक का रास्ता तय करना पड़ रहा है। इससे समय के साथ मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दोनों गांवों की करीब दस हजार में से अधिकांश आबादी को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 (एनएच 11) को पार करते हुए जान जोखिम में डालने के साथ अतिरिक्त समय खर्च करना पड़ रहा है। एनएच 11 के दूसरी ओर बाइपास से भीलवाड़ा-ताजपुर-फतनी आदि गांव की ओर जाने के लिए 22 फुट रास्ते पर एनएच 11 पर अंडर पास बनाकर रास्ता आसान किया जा सकता है। इसी मांग को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। मंगलवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मेंद्र यादव भी ग्रामीणों द्वारा शुरू किया गया अनशन में शामिल हुए। पहले दिन ग्रामीण महीपाल व सुरेंद्र भूख हड़ताल पर बैठे। ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों में उपायुक्त, जिला राजस्व अधिकारी से लेकर भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद चौ.धर्मबीर सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव, अटेली विधायक सीताराम यादव तक के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग अथारिटी से अंडरपास बनवाने की गुहार लगा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाइपास की ओर लगते पड़ोसी गांव भीलवाड़ा, ताजपुर, फतेहपुर, पृथ्वीपुरा, राजपुरा, कुंजपुरा, श्यामपुरा आदि गांवों के ग्रामीण भी अंडरपास बनने से दोनों तरफ आसानी से आवागमन कर सकेंगे।
करीब 500 एकड़ खेती योग्य जमीन है दूसरी ओर:
ग्रामीणों का कहना है कि हरियाणा राजस्व विभाग द्वारा पुराने समय में लोगों की सुविधाओं को देखते हुए 22 फुट का रास्ता छोड़ा गया था। यदि अंडरपास नहीं बना तो यह रास्ता रुक जाएगा और लोगों को दो से चार किलोमीटर घूमकर आवागमन करना पड़ेगा। दोनों गांव के किसानों की लगभग 500 एकड़ से ज्यादा कृषि योग्य भूमि बाइपास के दूसरी ओर है। यह अंडरपास नहीं बनने से किसानों, श्रमिकों को गांव की दूसरी तरफ की जमीन पर आने जाने में परेशानियां उठानी पड़ेगी। समय पर कृषि कार्य नहीं होने से जमीन बेकार जाएगी। इस संबंध में ग्राम पंचायत बाछौद व मिर्जापुर के साथ भीलवाड़ा, ताजपुर और अन्य ग्राम पंचायत ने भी अंडरपास बनवाने की मांग को लेकर अधिकारियों, मंत्री, सांसद व विधायक को प्रस्ताव दे चुके हैं।