पुलिस ने हाथ में थामे कड़छी व चम्मच
जहां संपूर्ण राज्य में लॉकडाउन किया जा चुका हैं। जिसके चलते हर रोज की मेहनत कर रोजी रोटी कमाने वाले लोगों के लिए घर खर्च चलना मुश्किल हो रहा हैं।
जागरण संवाददाता, नारनौल : कोरोना वॉयरस में राज्य में लॉकडाउन चल रहा है। इस लॉकडाउन में वह लोग खासे परेशान हैं, जो रोज कमाते और रोज खाते थे। जमापूंजी के नाम पर कुछ खास नहीं था और अब लॉकडाउन हुआ तो उनके सामने न केवल रोजी, बल्कि रोटी का भी संकट उत्पन्न हो गए। इन मुश्किल हालात में न केवल ड्यूटी निभाई, बल्कि नैतिक कर्तव्य एवं मानवीय मूल्यों का निर्वाहन करते हुए जरूरतमंदों की मदद भी की। यही वजह है कि लाठी-डंडा लेकर ड्यूटी करने वाले पुलिस के जवान अब हलवाईयों की कड़छी व चम्मच आदि थामे नजर आते हैं। यह सब इसलिए किया जा रहा है कि लॉकडाउन में कोई जरूरतमंद भूखे पेट न सोए।
पुलिस अधीक्षक सुलोचना गजराज ने बताया कि इस तरह के माहौल में पुलिस की दोहरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। जो कानून-व्यवस्था ड्यूटी के साथ-साथ उन लोगों का भी ध्यान रखा जाता है। जो मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। परंतु मजदूरी बंद होने पर खाने के लाले पड़ जाते हैं। इसलिए जरूरतमंदों को पुलिस द्वारा खाना भी वितरित किया जा रहा है। यह सारा खर्च पुलिस वेलफेयर फंड से पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेश पर उठाया जा रहा है। पुलिस प्रतिदिन करीब 1200 सौ खाने के पैकेट जरूरतमंद लोगों को वितरित कर रही है। इसके अलावा जो जवान नाकों व चौराहों पर खड़े हैं उनको भी खाना खिलाया जा रहा हैं।
पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार ने बताया कि जहां लॉकडाउन के चलते पुलिस अपनी ड्यूटी की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए अपने हाथों में कड़छी व चम्मच थामे हुए हैं। नारनौल क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों के लिए सुबह छह बजे से पुलिस लाइन में खाना बनाने के लिए पुलिस की रसोई शुरू हो जाती हैं। अकेले नारनौल पुलिस लाइन में 500 से ज्यादा पैकेट खाने के तैयार करके गरीबों में वितरित किया जाते हैं। जो पूरे जिले में सभी प्रबंधक थाना करीब 1200 सौ पैकेट तैयार करवाते हैं। पुलिस कप्तान सहित सभी पुलिस के अधिकारी कर्मचारी इस नेक काम में सहयोग कर रहे हैं।