बाछौद हवाई पट्टी पर पायलट ट्रेनिग शुरू
जिले का एकमात्र पायलट ट्रेनिग स्कूल बाछौद हवाई पट्टी पर शुरू हो चुका है।
जागरण संवाददाता,नारनौल: जिले का एकमात्र पायलट ट्रेनिग स्कूल बाछौद हवाई पट्टी पर शुरू हो चुका है। 13 मई को डीजीसीए की ओर से इसकी क्लीयरेंस मिल चुकी है। अब औपचारिक रूप से एमएस एफएसटीसी फ्लाइंग स्कूल ने बाछौद हवाई पट्टी पर प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। उपायुक्त डा. जेके आभीर ने बताया कि हरियाणा सरकार का यह इस जिला के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। पहले बैच के लिए यहां पर पायलट प्रशिक्षण का नामांकन शुरू हो चुका है। जो भी छात्र फिजिक्स केमेस्ट्री मैथ से 10धन 2 पास कर चुका है वह इसके लिए आवेदन कर सकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले माह ही डीजीसीए ने एमएस एफएसटीसी फ्लाइंग स्कूल का निरीक्षण किया था। इसके बाद 13 मई को इसका क्लीयरेंस मिल चुका है। नागरिक उड्डयन विभाग हरियाणा सरकार के साथ इनका एग्रीमेंट हो चुका है। इसी कड़ी में पहले बैच के लिए नामांकन शुरू हो चुका है। इसमें 80 विद्यार्थियों को पायलट बनाया जाएगा।
महेंद्रगढ़ जिला के बाछौद हवाई पट्टी के प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया कि जिले में एकमात्र पायलट ट्रेनिग स्कूल होने से यहां के बच्चों के लिए बेहतरीन अवसर है। अब बच्चे यहां प्रशिक्षण लेकर पायलट बन सकते हैं और बड़ी कंपनियों के कामर्शियल जहाज उड़ा पाएंगे। इसकी ट्रेनिग के लिए 12वीं पास पीसीएम होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि यहां पर छह महीने तथा एक साल का कामर्शियल तथा एयरलाइन पायलट का कोर्स करवाया जाएगा। यह कोर्स एफएसटीसी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से करवाया जाएगा। जहां पर दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए अकोमोडेशन की व्यवस्था भी होगी। यहां पर बच्चों के लिए वातानुकूलित व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में बच्चों को नाइटफ्लाइट प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस बाछौद हवाई पट्टी को विस्तारित करने के लिए फिलहाल 3481 फीट की हवाई पट्टी को 5000 लंबी हवाई पट्टी बनाया जाएगा। इसके लिए आसपास की 234 एकड़ भूमि लेने का प्रस्ताव है।
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सरकारी नहीं, प्राइवेट है पायलट ट्रेनिग स्कूल नारनौल: बाछौद हवाई पट्टी पर शुरू किए गए पायलट ट्रेनिग स्कूल को लेकर जिलावासियों को स्थिति स्पष्ट नहीं है कि यह सरकारी है या प्राइवेट। असल में यह स्कूल प्राइवेट है और एफएसटीसी नामक कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है। कंपनी डीजीसीए से अनुमति लेकर यह स्कूल संचालित कर रही है। कंपनी के अधिकारी लोकेश चौधरी ने बताया कि सरकार से अनुमति जरूर ली गई है पर यह पूरी तरह से प्राइवेट स्कूल है। उन्होंने बताया कि एक साल के कोर्स की फीस 42 लाख रुपये है। एक साल का कोर्स करने वाले छात्रों को ही कामर्शियल विमान उड़ाने के लिए नौकरी के लिए आफर मिलता है। छह माह का कोर्स शौकिया तौर पर विमान उड़ाने वालों के लिए हैं।