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बीपीएल प्लाट धारकों को कब्जा दिलाने गए प्रशासनिक अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा

गांव डिगरोता में बीपीएल प्लाट धारकों को प्लाट आवंटन के लिए पैमाइश करने गए बीपीएल प्लाट धारकों को कब्जा दिलाने गए अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 08:09 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 06:16 AM (IST)
बीपीएल प्लाट धारकों को कब्जा दिलाने गए प्रशासनिक अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा
बीपीएल प्लाट धारकों को कब्जा दिलाने गए प्रशासनिक अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा

संवाद सूत्र, सतनाली :

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गांव डिगरोता में बीपीएल प्लाट धारकों को प्लाट आवंटन के लिए पैमाइश करने के बाद कब्जा सौंपने पहुंचे पंचायत विभाग के अधिकारियों को पंचायत व ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद पैमाइश की कब्जा सौंपने पहुंचे गिरदावर शिवकुमार व पटवारी सुमित कुमार को बैरंग ही लौटना पड़ा।

जानकारी के अनुसार सरकार की योजना के तहत गांव के बीपीएल परिवारों को 100-100 गज के निशुल्क प्लाट करीब 200 प्लाट आवंटित किए गए थे । वर्ष 2013 में उनकी रजिस्ट्री व 2018 में इंतकाल भी करवाया जा चुका है। सात वर्ष पूर्व रजिस्ट्री व इंतकाल होने के बाद भी बीपीएल प्लाट धारकों को उनका कब्जा नहीं मिल पाया था। बीपीएल परिवारों ने मामले में सरकार से प्रशासन से अनेक बार गुहार लगाई जिसके बाद प्रशासन के आदेश पर पटवारी व गिरदावर गांव में बीपीएल परिवारों के प्लाटों की पैमाइश के बाद उन्हें कब्जा सौंपने पहुंचे थे। इसकी सूचना मिलने पर ग्रामीण एकत्रित हो गए तथा उन्होंने इसका विरोध जताया। ग्रामीणों का दावा है कि जिस जगह पर प्लाट काटे जा रहे है वह गोचर भूमि है । उस जगह को गांव के ही कुछ लोगों द्वारा पंचायत को गोचर भूमि के रूप में दान में दी गई थी। परंतु अब उस गोचर भूमि पर बीपीएल प्लाट काटे जा रहे है जो गलत है तथा वे गोचर भूमि पर बीपीएल प्लाट काटने का विरोध करते है। यदि प्लाट दिए ही जा रहे है तो वे अन्य जगह पर दिए जा सकते है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पटवारी व गिरदावर ने प्रशासन को सूचित किया तथा बैरंग लौट गए। गिरादावर शिवकुमार व पटवारी सुमित कुमार ने बताया कि प्रशासन के आदेश पर वे गांव डिगरोता में बीपीएल प्लाट धारकों को पैमाइश के बाद कब्जा सौंपने पहुंचे थे। ग्रामीणों के गोचर भूमि पर प्लाट काटने का ग्रामीणों ने विरोध किया है। जिस बारे अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। मामले में ग्रामीणों ने रविवार को पंचायत का आयोजन कर विवाद को सहमति से सुलझाने के प्रयास करने की बात कही है। प्रशासन के निर्देश पर ग्रामीणों को 7 सितंबर तक का समय दिया गया है, यदि हल नहीं निकलता है तो पुलिस बल व प्रशासन की मौजूदगी में पैमाइश व कब्जा सौंपने का काम किया जाएगा।


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