ए ग्रेड हरियाणा केंद्रीय विवि में मात्र दो प्रोफेसर
जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : नेक द्वारा ए ग्रेड प्राप्त हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में मूलभ
जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : नेक द्वारा ए ग्रेड प्राप्त हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 77 प्रतिशत रिक्त पड़े हैं। प्रोफेसर तो पूरे विश्वविद्यालय में मात्र दो ही हैं। अधिकतर शिक्षकों के पद रिक्त पड़े होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। बिना शिक्षकों और प्रयोगशालाओं के यहां युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में विकास की ²ष्टि के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 में 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की थी। हरियाणा में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना जिले के गांव जाट-पाली में हुई। बताया गया था कि लगभग 480 एकड़ में विश्वविद्यालय की आधरभूत संरचना तैयार की जाएगी, जिसमें देश -विदेश के विद्यार्थी अपना स्वर्णिम भविष्य तैयार करेंगे। लेकिन स्थापना के समय से ही विश्वविद्यालय मूलभूत सुविधाओं की कमी झेलता आ रहा है। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय में 30 विभागों में 57 कोर्स चल रहे हैं। इसमें लभगभ दो हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शुरुआती छह वर्षों में स्थाई कुलपति नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालय में आधारभूत संरचना का काम धीमी गति से चला। वर्ष 2015 में स्थाई कुलपति आने के बाद से इसमें कुछ तेजी आई, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप नहीं।
वर्ष 2009 में स्थापित हुए विश्वविद्यालय में आज तक शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हुई है। स्वीकृत पदों में से प्रोफेसरों के लगभग 80 प्रतिशत पद खाली हैं। विद्यार्थियों की शिक्षा को पूरा करवाने के लिए ठेके पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर की जगह ठेके पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर काम संभाल रहे हैं। दो वर्ष पहले युवा इंजीनियर तैयार करने के लिए बिना प्रयोगशाला, बिना स्थाई शिक्षकों और बिना भवन के ही चार बीटेक कोर्स शुरू कर दिए। चार समेस्टर बीत जाने के बाद भी ये विद्यार्थी प्रयोगशाला के लिए तरस रहे हैं। 225 स्वीकृत पदों में से 51 पदों पर है स्थाई नियुक्ति
केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा में शिक्षकों के 225 पद स्वीकृत हैं जिनमें 30 प्रोफेसर, 62 एसोसिएट प्रोफेसर व 133 असिस्टेंट प्रोफेसर के हैं। लेकिन वर्तमान में इनमें से केवल 51 शिक्षक ही स्थाई पदों पर कार्यरत हैं। इनमें मात्र दो प्रोफेसर, 6 एसोसिएट प्रोफेसर और 45 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।