बच्चों की स्कू¨लग से ज्यादा ज्ञानार्जन पर ध्यान देने की जरूरत : डा. ¨सह
भिवानी बोर्ड के सहायक परियोजना अधिकारी (एएपीसी) डा. संग्राम ¨सह ने बुधवार को अटेली खंड के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया तथा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से सीधे बातचीत करते हुए उनके पढ़ने-पढ़ाने के तौर-तरीकों में सुधार लाने को कहा। इस दौरान ¨सह ने चंपा देवी राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अटेली में साइंस कंप्यूटर व एनएसक्यू सिलेब्स का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने ¨प्रसिपल मदन गोपाल के शैक्षिक वातावरण के सुधारात्मक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्कूल प्रांगण को साफ-सुथरा रखने, पौधरोपण, स्कूल अनुशासन, अध्यापकों के विद्यार्थियों के प्रति समर्पण आदि की जानकारी ली तथा अपनी संतुष्टि जाहिर करते हु
जागरण संवाददाता, नारनौल :
भिवानी बोर्ड के सहायक परियोजना अधिकारी (एएपीसी) डा. संग्राम ¨सह ने बुधवार को अटेली खंड के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया तथा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से सीधे बातचीत करते हुए उनके पढ़ने-पढ़ाने के तौर-तरीकों में सुधार लाने को कहा। इस दौरान ¨सह ने चंपा देवी राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अटेली में साइंस कंप्यूटर व एनएसक्यू सिलेबस का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने ¨प्रसिपल मदन गोपाल के शैक्षिक वातावरण के सुधारात्मक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्कूल प्रांगण को साफ-सुथरा रखने, पौधरोपण, स्कूल अनुशासन, अध्यापकों के विद्यार्थियों के प्रति समर्पण आदि की जानकारी ली तथा अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए उनकी टीम के योगदान की सराहना की। विद्यालय के प्राध्यापक तारीफ ¨सह ने बताया कि स्कूल में प्रार्थना सभा में नैतिक शिक्षा पर विशेष रूप से जोर दिया जाता है। उनकी टीम के सदस्य योगेश कुमार ने विद्यार्थियों को गणित के व्यावहारिक टिप्स दिए और बताया कि वे गणित के मुश्किल से मुश्किल प्रश्न आसान तरीके से हल कर सकते हैं। उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय उनींदा व राजकीय प्राथमिक विद्यालय धनोंदा में भी बच्चों का शैक्षिक स्तर जाना।
इस मौके पर डा. संग्राम ¨सह ने बताया कि सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाओं सहित उच्च योग्यता प्राप्त शिक्षकों द्वारा खेल-खेल में एवं वैज्ञानिक तरीकों से शिक्षण अधिगम करवाया जाता है, ताकि विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास हो सके। नवाचारों का प्रयोग करके सीखने सिखाने की प्रक्रिया में गतिशीलता लाई जा सके। इस ²ष्टि से विद्यालयों में लर्निग हब्स, कहानी कुंज एवं प्रार्थना स्थल पर छात्रों द्वारा सद् विचार, प्रेरक प्रसंग व मुख्य समाचार वाचन भी इन शैक्षिक नवाचारों के उदाहरण दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे जिले के चार ब्लाक पहले ही शिक्षा स्तर में सक्षम घोषित हो चुके हैं और बाकी के ब्लॉक को भी सक्षम बनाने की कवायद जारी है। उन्होंने सभी अध्यापकों का आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र-शिक्षक संवाद एवं निर्देशों की उत्तम संरचित अध्यापन एवं सीखने पर जोर देने वाली गतिविधियों के ²ष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है।