Move to Jagran APP

Uranium News: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में मिल सकता है यूरेनियम, जल्द आएगी सर्वे रिपोर्ट

Uranium News परमाणु ऊर्जा विभाग ने हेलिकॉप्टर से नारनौल व आस-पास के क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद पता चल सकेगा कि इस क्षेत्र में यूरेनियम की स्थिति क्या है? यदि सर्वे सफल होता है तो बड़ी राहत की बात होगी।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 08:10 PM (IST)
Uranium News: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में मिल सकता है यूरेनियम, जल्द आएगी सर्वे रिपोर्ट
पिछले दिनों नारनौल के नजदीकी गांव जोरासी के पास सर्वे का कार्य चला।

नई दिल्ली/नारनौल [बलवान शर्मा]। दिल्ली से सटे हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में यूरेनियम मिल सकता है। नारनौल की पहाड़ियों में यूरेनियम की संभावनाओं को तलाशने की कवायद शुरू हो गई है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने हेलिकॉप्टर की मदद से नारनौल व आस-पास के क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है। हालांकि सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद पता चल सकेगा कि इस क्षेत्र में यूरेनियम की स्थिति क्या है? यदि सर्वे सफल होता है तो यह केवल महेंद्रगढ़ या हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिक ताकत बढ़ाने में बड़ा सहायक साबित हो सकता है। इस सारी कवायद के बाद सफलता मिली तो प्राकृतिक संपदा के क्षेत्र में महेंद्रगढ़ जिले का नाम बड़े स्तर पर जुड़ सकता है। जानकारों की मानें तो यह सर्वे अगले छह मीने तक चलेगा, जिसके बाद इसके नतीजों के बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी दी जाएगी।

loksabha election banner

सूत्रों के अनुसार, परमाणु ऊर्जा विभाग ने लगभग 15 दिन पहले जिला प्रशासन से सर्वे के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे जिला प्रशासन ने मंजूर कर लिया था। सूत्रों ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम यूरेनियम की संभावनाओं को देखते हुए पिछले एक पखवाड़े से इस क्षेत्र में सर्वे कर रही है। पिछले दिनों नारनौल के नजदीकी गांव जोरासी के पास सर्वे का कार्य चला। हेलिकॉप्टर पर एक जाल लटकाया हुआ था, जिसमें जमीन को अंदर से स्कैन करने के लिए हाई पावर मशीनें लगाई हुई थीं। यह हेलिकॉप्टर काफी नीचे आकर भूमि को स्कैन कर रहा है।

बता दें कि नारनौल की पहाड़ियों में कई प्रकार की धातुएं मिल रही हैं। अरावली की खेतड़ी रेंज भी नारनौल से जुड़ी हुई है और यहां पर तांबा भी निकल रहा है। इसके अलावा कई अन्य धातुओं की संभावना भी बनी हुई है। नारनौल की तीजों वाली पहाड़ी में पहले सोने के लिए माइनिंग की गई थी। जीएसआइ का सर्वे कामयाब होता है तो देश के परमाणु संयंत्रों को ऊर्जा मिलेगी और बिजली संकट स्थायी तौर पर दूर हो सकेगा।

अनिल अटवाल (खनन अधिकारी) का कहना है कि खनन विभाग द्वारा तो कोई सर्वे नहीं करवाया जा रहा है। हो सकता है कि किसी अन्य विभाग द्वारा सर्वे करवाया जा रहा हो। इसकी मुझे जानकारी नहीं है।

यहां पर बता दें कि एक ग्राम यूरेनियम से तीन टन कोयले के बराबर बिजली उत्पादन होता है। यूरेनियम के परमाणुओं में विशेष भट्ठी के भीतर विस्फोट कराया जाता है जिससे जबरदस्त उर्जा उत्पन्न होती है। यही एक ग्राम यूरेनियम से उत्पन्न उर्जा बिजली के रूप में एक सप्ताह तक लगभग आधे प्रदेश को रोशन कर सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.