नारनौल के तुषार हत्याकांड का वीडियो हुआ वायरल
जिले के गांव धनौंदा में 18 साल के युवक की हत्या के बाद अब नारनौल के तुषार की हत्या का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। तुषार की हत्या के आरोप में मंगलवार को तीसरा आरोपित गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों ही घटनाओं में एक बात यह है कि हत्या आरोपित नौजवान लड़के हैं।
जागरण संवाददाता, नारनौल: जिले के गांव धनौंदा में 18 साल के युवक की हत्या के बाद अब नारनौल के तुषार की हत्या का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। तुषार की हत्या के आरोप में मंगलवार को तीसरा आरोपित गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों ही घटनाओं में एक बात यह है कि हत्या आरोपित नौजवान लड़के हैं।
इनमें किशोर बच्चे भी हत्याकांड को अंजाम देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। दुख का विषय तो यह है कि आज के युवा और किशोर बच्चे अपराध के दल-दल में फंसते जा रहे हैं। वे क्रूरता के साथ अपने ही साथी की लाठियों से पीट-पीट कर हत्या कर डालते हैं। ये बच्चे किसी गैंग में शामिल नहीं हैं और न ही इनका किसी गैंगस्टर से संबंध है। हम बात कर रहे हैं 20 जनवरी को शहर में हुए तुषार हत्याकांड की।
इस हत्याकांड के दौरान तुषार का अपहरण कर उसके साथ मारपीट का वीडियो भी बना लिया गया था। कई युवक लाठियों से तुषार की बेरहमी से पिटाई करते दिखाई दे रहे हैं, वहीं भद्दी भद्दी गालियां देते सुनाई दे रहे हैं। इसी तरह की घटना धनौंदा गांव के पास नौ अक्टूबर को घटित हुई थी। इस हत्याकांड का भी वीडियो वायरल हुआ था और इसमें भी मालड़ा बास निवासी युवक गौरव को पानी पिला-पिलाकर लाठियों से पीटा गया था। इस घटनाक्रम में शामिल मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। तुषार हत्याकांड के दो आरोपित दिपांशु व धीरज को सुधारगृह भेजे जा चुके हैं। तीसरा आरोपित राहुल को शहर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। ये तीनों ही नाबालिग हैं। हालांकि अभी कई आरोपित पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
यहां सवाल यह है कि नौजवान और किशोर अपराध की ओर क्यों बढ़ रहे हैं। क्रूरता की हदें पार कर अपने ही परिचित की इतनी निर्ममता से पिटाई करते हैं कि उसकी मौत हो जाती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि नई पीढ़ी अपराधियों से प्रेरित तो नहीं होने लगी। जिले में पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई गैंग पनपे, जिन्हें वर्तमान में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन की सक्रियता की वजह से जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। इन अपराधियों ने अपराध तो किए ही, साथ ही युवा पीढ़ी को भी पथ से भ्रमित करने का कार्य भी कर डाला। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को अपराध के दल-दल में फंसने से रोकें। उनके व्यवहार पर नजर रखें। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपका बेटा किसी अपराध की ओर तो नहीं जा रहा है।