प्रस्तावित टॉपबाक्स...नांगल नूनियां में अज्ञात बीमारी से सात दिन में सात मोरों की मौत
पशु चिकित्सक ने प्वाइज¨नग बताया कारण, ग्रामीणों ने की गहराई से जांच की मांग फोटो नंबर.
पशु चिकित्सक ने प्वाइज¨नग बताया कारण, ग्रामीणों ने की गहराई से जांच की मांग
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संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी:
क्षेत्र के गांव नांगल नूनियां में अज्ञात बीमारी से राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत का सिलसिला जारी है। यहां एक सप्ताह यानि सात दिन में सात मोरों की मौत हो चुकी है। यहां मोरों की मौत का सिलसिला रुक-रुककर जारी है। गुरुवार को भी एक मोर ने तड़पकर दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पशु चिकित्सक, वन विभाग और वन्य जीव अधिकारियों को दी है। इसके बाद पशुपालन विभाग से वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. मोहन ¨सह नेहरा मौके पर पहुंचे और मोरों की मौत के कारणों की जांच की।
गांव के सरपंच हेतराम, कृष्ण पंच, जगत ¨सह, राकेश, महेंद्र ¨सह ने बताया कि गांव में मोरों की मौत का क्रम करीब एक सप्ताह पहले शुरू हुआ। अज्ञात बीमारी से एक मोर की मौत हो गई। इसके बाद एक साथ पांच और मोरों की मौत हो गई। यह क्रम दो-तीन दिन थमा, लेकिन गुरुवार को एक और मौत ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को दी। घटनास्थल पर पहुंचे पशुपालन विभाग के चिकित्सकों ने मोरों के शव का परीक्षण करने के बाद मौत का कारण प्वाइज¨नग बताया है। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त डॉ. गरिमा मित्तल से गांव में पशु चिकित्सकों की टीम भेजकर मोरों में फैली अज्ञात बीमारी का इलाज करवाने की मांग की है।
मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पशु चिकित्सक ने प्रारंभिक जांच के बाद मोरों की मौत का कारण प्वाइज¨नग बताया है। लेकिन ग्रामीण यह कारण सही नहीं मान रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो पक्षियों को डाले जाने वाले दाने में जहर है तो फिर मोर ही क्यों मर रहे हैं, जबकि अन्य पक्षी भी दाने खाते हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला उपायुक्त से मौत के कारण की गहराई से जांच कराने की मांग की है।
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मैंने गांव में पहुंचकर मृत मोर की जांच की थी। जांच में मोर की मौत का कारण प्वाइज¨नग ही सामने आया है। जहां ग्रामीण दाने डालते हैं उसी स्थान के आसपास मोर मृत मिले हैं। फिलहाल ग्रामीणों को पक्षियों को दाना नहीं डालने की सलाह दी है।
-डा.मोहन ¨सह नेहरा, पशु वरिष्ठ चिकित्सक, बनिहाड़ी