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नमो दैव्ये महादैव्ये :--- एक डेयरी की बदौलत 11 लोग को दे रही हैं रोजगार

कनीना उप मंडल के गांव गुढ़ा निवासी नीतू सिंह यादव ने अपनी मेहनत के मुकाम पर डेयरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य और जैविक खाद उत्पादन करने पर राज्य सरकार की ओर से सम्मानित होती रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 05:28 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 05:28 PM (IST)
नमो दैव्ये महादैव्ये :--- एक डेयरी की बदौलत 11 लोग को दे रही हैं रोजगार
नमो दैव्ये महादैव्ये :--- एक डेयरी की बदौलत 11 लोग को दे रही हैं रोजगार

संवाद सहयोगी, कनीना: कनीना उप मंडल के गांव गुढ़ा निवासी नीतू सिंह यादव ने अपनी मेहनत के मुकाम पर डेयरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य और जैविक खाद उत्पादन करने पर राज्य सरकार की ओर से सम्मानित होती रही हैं। दो साल पहले उनके द्वारा पाले गए दुधारू पशुओं के रखरखाव की चर्चा हो रही है। राष्ट्रपति से भी पुरस्कृत हो चुकी हैं। नीतू सिंह यादव को गन्नौर (सोनीपत) में फरवरी-2019 में एग्री लीडरशिप सम्मिट में किसान रतन पुरस्कार से राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद ने डेयरी एवं जैविक खाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला था। नीतू यादव गुढ़ा में डेयरी फार्म चलाती हैं। भारी मात्रा में दुग्ध उत्पादन करती हैं और डेयरी का काम बेहतर तरीके से चला रही हैं, वहीं जैविक खाद भी बना रही हैं। जैविक खाद पैदा कर बेहतर फसल पैदावार लेने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। अपने साथ 11 लोग को रोजगार दे रही हैं।

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नीतू यादव ने छह गायों से रोजगार शुरू किया था। आज उनके पास 200 गायें हैं। जिनका दूध निकालने के लिए दो अत्याधुनिक मशीन भी मंगवा रखी है। दो घंटों में सभी गायों का दूध निकाल लेती हैं। कई डेयरियों में 3000 लीटर प्रतिदिन दूध भेज रही हैं। उन्हें 2018 का सर्वश्रेष्ठ महिला डेयरी पुरस्कार मिला था। उन्हें यह पुरस्कार इंडियन डेयरी एसोसिएशन (उत्तरी क्षेत्र) द्वारा श्रेष्ठ डेयरी महिला बतौर कोच्चि में दिया था। नीतू यादव बताती हैं प्रतिदिन एक पशु से करीब 20 किलोग्राम गोबर प्राप्त होता है और यह गोबर वह खेत में इकट्ठा करती हैं। इसी गोबर की सहायता से अपने खेतों में फसल पैदावार करती हैं जिसकी मांग अधिक है व खेतों में किसी प्रकार का अन्य खाद्य नहीं डालती बल्कि अपने पशुओं से प्राप्त गोबर को कंपोस्ट खाद में बदलकर या गोबर को खाद के रूप में डालकर प्रयोग करती हैं। अन्य पशुपालकों के साथ अपने अनुभव और ज्ञान की साझेदारी कर सहयोग भी कर रही हैं।


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