गोवंश के कारण दो व्यक्ति गंवा चुके हैं जान
सड़कों पर गोवंश की भरमार से आमजन की जान को आफत बना हुआ है।
सुदेश कुमार, नारनौल:
सड़कों पर गोवंश की भरमार से आमजन की जान को आफत बना हुआ है। प्रशासन का स्ट्रे कैटल जिला की सड़कों पर हजारों की संख्या में गोवंश नजर आते हैं। पिछले छह साल के दौरान गोवंश के आतंक के चलते दो लोगों की जान जा चुकी है तो दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। जिला महेंद्रगढ़ में सड़कों से लेकर बाजारों तक बेसहारा पशुओं का आतंक आज भी बना हुआ है। इन पशुओं को देखकर आमजन सहमे रहते हैं। प्रशासन के पास इनके आतंक का शिकार हुए लोगों का कोई रिकॉर्ड भी मौजूद नहीं है। बेसहारा पशु सड़कों पर वाहन चालकों के लिए तो बाजारों में आमजन व दुकानदारों के लिए परेशानी का सबब बने रहते हैं। इनका आतंक आज भी इस कदर है कि कई लोगों को घायल कर चुके हैं। वर्ष 2015 में मोहल्ला तालाब बहादुर सिंह के पास बेसहारा पशुओं की झड़प ने एक महिला को अपनी चपेट में ले लिया जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं वर्ष 2019 में महेंद्रगढ़ निवासी एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उनकी भी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसके अलावा वर्ष 2015 में मोहल्ला मीराजी का एक व्यक्ति इन पशुओं के झगड़े के कारण घायल हो गया था।
ये बेसहारा पशु सड़कों व बाजारों में झुंड के रूप में घूमते रहते हैं जोकि अचानक वाहन चालकों के सामने आ जाने से हादसा हो जाता है। वहीं बीच बाजार इनके बीच हिसक झड़प में ये आस-पास के लोगों को घायल करने के साथ सामान को नुकसान अलग से पहुंचाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे पशु खड़ी फसल को नष्ट करने की आए दिन शिकायतें आती रहती हैं। ऐसे पशुओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
सामाजिक संगठन भी आया आगे: भगवान परशुराम सेवा समिति व नमो नमो मोर्चा के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को उपायुक्त आरके सिंह को ज्ञापन सौंपकर सड़कों पर घूमते गोवंश को गोशालाओं में पहुंचाने की मांग की। समिति के जिला अध्यक्ष प्रभास छक्कड़ ने बताया कि उनकी संस्था शहर में घूमने वाले गोवंश की भूख प्यास व उन्हें मारे जाने को लेकर चितित है। लॉकडाउन के समय से ही उनकी संस्था इन गोवंशों के लिए भोजन व पानी की व्यवस्था कर रही है और अब इन सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों को अपनी ओर से शहर की विभिन्न गोशालाओं में छोड़ने के लिए भी तैयार है। इसके लिए उन्होंने उपायुक्त से निवेदन किया कि वे सभी गोशालाओं को इसके लिए निर्देश जारी करें कि वे लोग इन बेसहारा गोवंश को अपनी गोशालाओं में रखें और इनके भोजन पानी की समुचित व्यवस्था करें क्योंकि गोशालाएं गायों को तो अपने पास रखती हैं, कितु बेसहारा सांड को कोई भी गोशाला ले जाने को तैयार नहीं है। इस कारण सड़कों पर घूमने वाले इन सांडों से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इनकी वजह से मुख्य मार्गों पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। यही नहीं ये सांड आपस में झगड़ा करने पर राहगीरों को घायल कर देते हैं। बाजार में दुकानों, रेहड़ी व वाहनों को नुकसान पहुंचाते हैं। जिले में बहुत से लोग इनके हादसों का शिकार हो चुके हैं। इसके लिए संस्था को गोशालाओं से इजाजत दिलाई जाए ताकि वे इन गोवंश को गोशालाओं में पहुंचा सकें। उपायुक्त ने तुरंत इस मामले में गोशाला संचालकों की बैठक बुलवाकर मामले का समाधान करवाने का आश्वासन दिया।