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गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध: पीएफए

जल्द ही गर्मी का मौसम आने वाला है। गर्मियों में वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी का प्रबंध किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 05:06 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 05:06 PM (IST)
गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध: पीएफए
गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध: पीएफए

संवाद सहयोगी,कनीना: जल्द ही गर्मी का मौसम आने वाला है। गर्मियों में वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी का प्रबंध किया जाए। ये विचार पीपुल फार एनिमल के उप प्रधान राजेंद्र सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कनीना में अपने साथियों को आने वाले गर्मी के दिनों में पक्षियों की रक्षा करने की सलाह दी।

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उन्होंने कहा कि गर्मी ने दस्तक दे दी है, वहीं सरसों की फसल की कटाई शुरू होने जा रही है। गर्मी के दिनों में पक्षियों को दूर दराज तक पानी एवं चुग्गा नहीं मिलता है। इस कारण उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने पक्षियों के लिए जल एवं चुग्गा का प्रबंध करने का आह्वान किया है।

करीरा के निवासी एवं पीएफए के सदस्य बालकिशन का कहना है कि वे अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए चुग्गे का प्रबंध करेंगे तथा पानी के बर्तन रखवाएंगे। उन्होंने कहा कि पक्षियों की सुरक्षा से उनकी सुरक्षा संभव है। उन्होंने भी अपने गांव में जितना हो सके पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करने का निश्चय लिया है।

अजीत कुमार किसान का कहना है कि वे अपने ट्यूबवेल पर रहते हैं और गर्मियों में ट्यूबवेल से खेत में पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करेंगे, वहीं पक्षियों के लिए पेड़ों पर झावली टांगेंगे। उनका कहना है कि वे पक्षियों के लिए ही नहीं, अपितु लोगों के लिए भी प्याऊ लगाते आ रहे हैं। सुनील कुमार बिसोहा का कहना है कि वे तो वर्षों से अपने खेत में जीवों के लिए जल का प्रबंध करते आ रहे हैं। छत पर भी जल तथा चुग्गे का प्रबंध करेंगे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज कभी से पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करते आए हैं। उन्होंने सभी से प्रार्थना की कि वे भी पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करें।

किसान सूबे सिंह का कहना है कि जब जीव ही नहीं रहेंगे तो इंसान भी नहीं बच पाएगा। उनके अनुसार इंसान तो जल का प्रबंध जैसे तैसे अपने लिए कर लेता है, कितु पक्षी बेचारे कर नहीं पाते हैं। कुएं एवं जोहड़ जंगलों से लुप्त हो चुके हैं। ऐसे में उनके प्राण संकट में पड़ जाते हैं। उनके प्राणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इंसान की है।


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