महेंद्रगढ़ में होगा उद्योगों का उजाला
दक्षिण हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले महेंद्रगढ़ शीघ्र उद्योगों का उजाला होने की आस जगी हैं। दिल्ली-मुंबईइंडस्ट्रियल कॉरीडोर के तहत यहां बनने वाला इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए 21 नवंबर को हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) द्वारा स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के नाम 900 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री की जाएगी।
संजीव जैन, नारनौल
दक्षिण हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले महेंद्रगढ़ में शीघ्र उद्योगों का उजाला होने की आस जगी हैं। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के तहत यहां बनने वाला इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए 21 नवंबर को हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआइआइडीसी) द्वारा स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के नाम 900 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री की जाएगी।
एचएसआइआइडीसी के परियोजना प्रबंधक एसएस लांबा ने बताया कि 15 मई को केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में लॉजिस्टिक हब को मंजूरी दी गई। इस प्रोजेक्ट को माल लदान गांव का नाम दिया गया है। 886.78 एकड़ में बनने वाले इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के लिए एसपीवी का गठन किया गया, जबकि जमीन खरीद एचएसआइआइडीसी को करनी थी। इसके लिए निजामपुर क्षेत्र के तीन गांवों तलोट, बसीरपुर व घाटा की 1205 एकड़ जमीन को उपयुक्त माना गया। 900 एकड़ जमीन क्रय कर ली गई। अब इस जमीन की 21 नवंबर को एसपीवी के नाम रजिस्ट्री की जाएगी। 300 एकड़ जमीन 731 किसानों की है। 260 एकड़ जमीन वाले 571 किसानों ने जमीन बेचने का शपथ पत्र दिया है। 40 एकड़ वाले 160 किसानों ने जमीन के बदले उपयुक्त जमीन मांगी है। 15 नवंबर तक यह मामला भी निस्तारित हो जाएगा। एसपीवी की डिमांड पर इस जमीन की भी रजिस्ट्री की जाएगी। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास मुख्यमंत्री करेंगे।
दुबई की कंपनी करेगी निवेश:
दुबई स्थित आरपी ग्रुप ऑफ कम्पनीज ने हरियाणा में इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है। दुबई स्थित संपन्न भारतीयों में से एक तथा आरपी ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. रवि पिल्लई ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात के दौरान यह पेशकश की है।
ये है योजना
यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में व्यापार के लिए दिल्ली को सीधे मुंबई को जोड़ने के लिए नार्थ-वेस्ट कॉरिडोर के नाम से एक योजना तैयार हुई है। इसके तहत दिल्ली के बाहर दादरी से मुंबई के पास कांडला बंदरगाह तक रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। कार्य पूरा होने पर तेज रफ्तार की मालगाड़ियां सरपट दौड़ेंगी। इन मालगाड़ियों में आने वाले माल को रखने व आसपास से निर्मित माल को भेजने के लिए बड़ा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। इस हब में बड़े-बड़े वेयर हाउस बनेंगे। जहां से इस माल को हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर के शहरों में भेजा जाएगा। इससे कई हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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हाल-ए-प्रोजेक्ट
केंद्रीय कैबिनेट इस प्रोजेक्ट के लिए बने डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआइपीपी) को मंजूरी दे चुकी है। पहले फेज के डेवलपमेंट के लिए 1029.49 करोड़ रुपये, जबकि फेज दो के डेवलपमेंट को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। पहले फेज के खर्च में लैंड कॉस्ट के रूप में 266 करोड़ रुपये शामिल हैं। नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लिमेंटेशन ट्रस्ट द्वारा 763.49 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें 266 करोड़ इक्विटी और 497.49 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल होगा। एसपीवी द्वारा ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की बी¨डग ईपीसी बेस पर होगी।
बावल में रद हो चुका है अवार्ड:
इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे पहले बावल क्षेत्र को चुना गया था। वहां भूमि अधिग्रहण कर अवार्ड भी घोषित हुआ पर किसान उनको मिलने वाले मुआवजे से संतुष्ट नहीं थे। रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ¨सह ने इसका विरोध भी किया। जिसके बाद 2014 में सरकार ने आनन-फानन में इसको रद कर दिया।