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समारोह में प्रवेश के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया तो अस्पताल में पहुंच गए सैकड़ों लोग

शादी समारोह में कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने की शर्त लागू करते ही रविवार को अचानक नागरिक अस्पताल में टेस्ट करवाने वालों की भीड़ जमा हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 07:58 PM (IST)
समारोह में प्रवेश के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य 
किया तो अस्पताल में पहुंच गए सैकड़ों लोग
समारोह में प्रवेश के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया तो अस्पताल में पहुंच गए सैकड़ों लोग

जागरण संवाददाता, नारनौल: शादी समारोह में कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने की शर्त लागू करते ही रविवार को अचानक नागरिक अस्पताल में टेस्ट करवाने वालों की भीड़ जमा हो गई। एक ही दिन में सैकड़ों लोग टेस्ट करवाने पहुंच गए। पहुंचें भी क्यों नहीं, भई शादी में जाना तो जरूरी है और टेस्ट रिपोर्ट नहीं हुई तो समारोह में शामिल होने से वंचित होना पड़ सकता है। कोई भाई तो कोई दोस्त की शादी में जाने के लिए कोरोना टेस्ट करवाना चाहता है। कोई हलवाई है तो कोई हलवाइयों के कारिदे। अस्पताल में पहुंचने वालों में उतरप्रदेश व बिहार से आए प्रवासी मजदूरों की संख्या काफी अधिक दिखाई दी। रविवार को जिला नागरिक अस्पताल में 400 से अधिक लोगों के सैंपल लिए गए। लोगों की संख्या अधिक होने की वजह से अस्पताल प्रशासन को फील्ड से मोबाइल टीमों को अस्पताल में ही बुलाना पड़ा। पूछने पर पता चला कि इनमें ज्यादातर विवाह शादी व पार्टियों में कार्य करने वाले हलवाई व कैटर्स थे, क्योंकि जांच सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है। यह टेस्ट न करवाने वालों को समारोह स्थल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। वहीं मोबाइल टीम के सदस्यों ने बताया कि रविवार को ज्यादा भीड़ होने की वजह से हमारी भी टीम को अस्पताल में बुलाया गया है। डा. कृष्ण कुमार व एलटी अखिल कुमार की मोबाइल टीम ने सौ से ज्यादा सैंपल लिये। ओपीडी में तैनात डा. निशांत ने बताया कि ओपीडी में 300 से ज्यादा सैंपल लिऐ गये।

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अब तो खांसना भी गुनाह समझा जाता है

संवाद सहयोगी, कनीना: एक बार फिर से क्षेत्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने से अब तो खासना भी गुनाह समझा जाता है। जब कोई खांसता है तो सीधा कोरोना होने का संदेह होने लगता है। वास्तव में सर्दी के कारण भी रोग बढ़ रहे हैं। रोगों से बचने की सावधानी भी बढ़ती जा रही है, कितु अब खांसने वाले व्यक्ति को बुरी नजर से देखा जाता है। एक धारणा बन गई है कि खांसता है तो जरूर उसमें कोरोना होगा। वैसे तो विवाह शादियां शुरू हो गई हैं और विवाह शादियों में लोग बिना मास्क के ही जा रहे हैं। जिससे रोग फैलने की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने वैसे तो नियम पारित कर रखे हैं परंतु नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। किसी भी शादी समारोह स्थल में जाकर देखा जाए भारी भीड़ मिलती है, कितु मुंह पर मास्क तक नहीं मिलते।


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