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ईमानदारी अभी जिदा है, रुपयों से भरा पर्स लौटाया

महज छोटी सी धन राशि को लेकर बड़े-बड़े झगड़े कई बार मीडिया की सुर्खियां बनी रहती हैं। चंद रुपयों को लेकर अनेक लोगों का ईमान डोल जाता है लेकिन इन सबसे हटकर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हजारों रुपये मिलने के बाद भी अपना इमान नहीं खोते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 07:42 PM (IST)
ईमानदारी अभी जिदा है, रुपयों से भरा पर्स लौटाया
ईमानदारी अभी जिदा है, रुपयों से भरा पर्स लौटाया

जागरण संवाददाता, नारनौल: महज छोटी सी धन राशि को लेकर बड़े-बड़े झगड़े कई बार मीडिया की सुर्खियां बनी रहती हैं। चंद रुपयों को लेकर अनेक लोगों का ईमान डोल जाता है, लेकिन इन सबसे हटकर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हजारों रुपये मिलने के बाद भी अपना इमान नहीं खोते हैं। नारनौल के आजाद चौक स्थित रिटेलर सब्जी मंडी यूनियन के प्रधान लक्ष्मण सैनी ने 15,100 रुपयों से भरा एक पर्स उसके मालिक गांव मुकुंदपुरा के निवासी कौशल यादव को लौटाकर ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है। इतना ही नहीं इस व्यक्ति ने पर्स मालिक के पास पहुंचने की खुशी में अपनी जेब से ही पर्स मालिक को लड्डू खिलाये। पर्स मालिक ने लक्ष्मण सैनी को अपनी तरफ से मिठाई के लिए कुछ धन राशि की पेशकश की, जिसे उसने ठुकरा दिया।

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लक्ष्मण सैनी ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 11 बजे वह नई सब्जी मंडी परिसर से अपना काम करके लौट रहा था, तो मंडी के गेट से कुछ दूरी पर सड़क के बीचों-बीच एक पर्स मिला। उसने पर्स खोलकर देखा तो उसमें पांच-पांच सौ और सौ-सौ रुपये के नोट थे। पर्स में रुपयों के अलावा ड्राइविग लाइसेंस और कई अन्य जरूरी कागजात भी थे। लक्ष्मण सैनी ने इस पर्स के बारे में अपने एक जानकार मीडिया कर्मी रामचंद्र सैनी के साथी को बताया। मीडिया कर्मी ने पर्स में रखे लाइसेंस का हवाला देकर सोशल मीडिया पर पर्स मिलने की जानकारी साझा की। सोशल मीडिया पर वायरल सूचना के आधार पर पर्स के असली मालिक का पता लगने पर लक्ष्मण सैनी ने अपने हाथों से पर्स में रखी धनराशि व सभी कागजात पर्स मालिक कौशल यादव पुत्र रतिराम यादव निवासी मुकंदपुरा को सौंप दी। कौशल यादव ने इस मौके पर लक्ष्माण सैनी का आभार जताया और यह भी कहा कि उसके पर्स में व्यापारिक लेन-देन के हिसाब के कुछ ऐसे कागजात और रसीदें थी, जो नहीं मिलने पर उसका करीब तीन लाख रुपये का नुकसान हो सकता था।


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