हरियाणा में 13 मेडिकल कालेज पर बीएएसएलपी पढ़ाने की व्यवस्था नहीं
दिव्यागों को मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास अनमने ढंग से किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में एमबीबीएस डिग्रीधारक चिकित्सक तैयार करने पर तो जोर दे रहा है पर दिव्यागता को दूर करने को लेकर कोई प्रयास नहीं हो पा रहे हैं।
बलवान शर्मा, नारनौल
दिव्यागों को मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास अनमने ढंग से किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में एमबीबीएस डिग्रीधारक चिकित्सक तैयार करने पर तो जोर दे रहा है पर दिव्यागता को दूर करने को लेकर कोई प्रयास नहीं हो पा रहे हैं। दिव्यागता के नाम पर बेशक बड़े-बड़े बजट बनाए जाते हैं। दिव्यागता 21 प्रकार की है पर इनके उपचार की व्यवस्था तो छोड़िए, इनकी जाच की सुविधा भी प्रदेश में नहीं है। प्रदेश में 13 मेडिकल कालेज हैं और विडंबना यह है कि इनमें से एक भी मेडिकल कालेज में आडियोमैट्री चिकित्सक (बीएएसएलपी (बैचलर आफ आडियोलाजी एंड स्पीच लैंग्वेज पाथोलाजी) की सीट नहीं है। इसी तरह मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए एमआर की सीट भी नहीं है।
यदि केवल श्रवण बाधित दिव्यागों की ही बात करें तो पूरे प्रदेश में करीब तीन लाख दिव्याग आन रिकार्ड हैं। इन तीन लाख दिव्यागों की श्रवण शक्ति की जाच के लिए सोनीपत के मेडिकल कालेज में ही एक बीएएसएलपी योग्यता वाले डाक्टर उपलब्ध है। वह भी बिहार से शिक्षित है। ऐसे में प्रदेश में आडियोमैट्री (बीएएसएलपी) चिकित्सकों की सख्त दरकार होते हुए भी इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यदि कोई श्रवण बाधित दिव्याग है और मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना है तो जाना होगा सोनीपत
प्रदेश में कहने को तो सभी जिला अस्पतालों में बुधवार को दिव्यागों की जाच के लिए मेडिकल बोर्ड बैठाया जाता है। लेकिन विडंबना यह है कि यह बोर्ड महज शारीरिक रूप से दिव्याग व्यक्ति की ही जाच करता है। शेष दिव्यागता की जाच के लिए चिकित्सक ही उपलब्ध नहीं हैं तो मेडिकल कैसे संभव है। श्रवण बाधित जाच के लिए प्रदेश में केवल सोनीपत में ही एक ओडियो मैट्री चिकित्सक है। प्रदेश के सभी श्रवण बाधित दिव्यागों को सोनीपत रेफर कर दिया जाता है। सोनीपत में भी जाच के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट बनी हुई है। दिव्यागों को जाच के लिए कई महीनों का इंतजार करना पड़ता है और बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं। जाहिर है कि यह दिव्यागों को सुविधा की बजाए परेशानी में ही डालने का कार्य हो रहा है।
ये हैं दिव्यागता के प्रकार
दृष्टि बाधित, अल्प दृष्टि, कुष्ठ रोगी, श्रवण बाधित, चलन नि:शक्ता, बौनापन, बौद्धिक नि:शक्ता, मानसिक रोग, आटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मासपेशी दुर्विकास, क्त्रानिक न्यूरोलीजिकल कंडीशन्स, स्पेसिफिक लर्निग डिसेबिलिटी, मल्टीपल स्कलेरोसिस, वाक एवं भाषा नि:शक्ता, थेलेसिमिया, हिमोफिलिया, अधिस्वाव, सिकलसेल, बहु नि:शक्ता तथा तेजाब हमला शामिल हैं। प्रदेश में मेडिकल कालेजों व एमबीबीएस सीटों की स्थिति
मेडिकल कालेज एमबीबीएस की सीट संख्या
सन 1966-67 एक 100
2020-21 13 1710
बाक्स
मेडिकल कालेजों में बीएएसएलपी कोर्स के लिए सीटों शुरू करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस और ध्यान दिया जाएगा और हरियाणा के मेडिकल कालेजों में भी ओडियोमैट्री चिकित्सक तैयार किए जा सकेंगे।
एडवोकेट राजकुमार मक्कड़, आयुक्त निशक्तजन आयोग, हरियाणा