नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में देश का पहला विवि बना हकेंवि
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर न केवल टास्क फोर्स गठित की है बल्कि इस टास्क फोर्स ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली हैं। जल्द ही मानव संशाधन मंत्रालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय बनने जा रहा है।
संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर न केवल टास्क फोर्स गठित की है, बल्कि इस टास्क फोर्स ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली हैं। जल्द ही मानव संशाधन मंत्रालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय बनने जा रहा है। यह विश्वविद्यालय शैक्षणिक व सामाजिक मोर्चे पर निरंतर उल्लेखनीय उपलब्धियों की ओर अग्रसर है। विश्वविद्यालय अपने विभिन्न 34 विभागों में उपलब्ध 72 शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के साथ-साथ उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने बुधवार को यह विचार विश्वविद्यालय परिसर में संवाददाताओं के समक्ष व्यक्त किए। कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न शैक्षणिक संसाधनों से संवाददाताओं को अवगत कराया। इसमें विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी की विभिन्न वर्कशॉप प्रमुख रूप से शामिल रहीं। इसके साथ कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना काल में विभिन्न चुनौतियों के बावजूद परीक्षा अनुभाग द्वारा आयोजित की जा रही ऑनलाइन (रिमोट प्रोक्टेड) एग्जामिनेशन की प्रणाली से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किस तरह से विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक संसाधनों के विकास, ऑनलाइन शिक्षा के लिए आवश्यक सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग, ऑनलाइन वीडियो लेक्चर, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम को विकसित करने तथा विद्यार्थियों को संकट के इस समय में घर पर रहकर सुरक्षित व सुगम ऑनलाइन शिक्षा सुविधाएं प्रदान कर रहा है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सिर्फ अपने विद्यार्थियों, बल्कि अन्य शिक्षण संस्थाओं को भी ये सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।
प्रो. कुहाड़ ने कहा कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से जारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में सहभागिता निभा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा टॉस्क फोर्स का गठन किया जा चुका है, जोकि न सिर्फ विश्वविद्यालय में इस शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में अग्रसर है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर इस दिशा में जारी प्रयासों में सक्रिय योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ज्ञान पाठ्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा है। इनके माध्यम से विद्यार्थियों को विदेशी विशेषज्ञों के सीधे रूबरू होने और उनके अनुभव का लाभ प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है। शिक्षा को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने वार्षिक शैक्षणिक ऑडिट व विभागीय प्रस्तुतिकरण की प्रक्रिया शुरू की है। दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए विश्वविद्यालय द्वारा इसे ऑनलाइन किया जा रहा है। कुलपति ने इस मौके पर विश्वविद्यालय के विकास में विभिन्न स्थानीय सहयोगियों से मिल रहे सहयोग की भी सराहना की और कहा कि बीते एक दशक के सफर में विश्वविद्यालय जिस तरह से अपनी एक अलग पहचान कायम कर पाया है, उसमें सभी सहभागियों को योगदान अहम रहा है। इस अवसर पर कुलसचिव डा. जेपी भूकर, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. संजीव कुमार, स्कूल ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी के अधिष्ठाता डा. अजय बंसल सहित विभिन्न शिक्षक व अधिकारी भी उपस्थित रहे।