सरकारी स्कूलों में होगी आज चहल-पहल, निजी स्कूल रहेंगे बंद
बेशक शिक्षा विभाग ने नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई शुरू करने के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति दे दी हो पर जिले के अधिकांश निजी स्कूल अभी खतरा मोल लेने के लिए तैयार नहीं हैं।
बलवान शर्मा, नारनौल
बेशक शिक्षा विभाग ने नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई शुरू करने के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति दे दी हो पर जिले के अधिकांश निजी स्कूल अभी खतरा मोल लेने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने सोमवार से स्कूल नहीं खोलने का फैसला किया है। इस वजह से सोमवार को जहां सरकारी स्कूलों में छह महीने बाद चहल-पहल दिखाई देगी, वहीं निजी स्कूल बंद रहेंगे। जिले में करीब 750 सरकारी व करीब चार सौ निजी स्कूल चल रहे हैं। सरकारी स्कूलों में भी देखने वाली बात यह रहेगी कि कितने अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में जाने की लिखित अनुमति देते हैं और कितने नहीं। बाक्स -----माता-पिता से लिखित अनुमति लानी होगी
शिक्षा निदेशालय के आदेशानुसार 21 सितंबर से नॉन कंटेनमेंट जोन में निवास करने वाले कक्षा नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी स्वेच्छा से अपने अध्यापकों से परामर्श एवं मार्गदर्शन के लिए अपने माता-पिता से लिखित अनुमति लेकर विद्यालय आ सकेंगे। स्कूल खोलने से पूर्व, खोलने के बाद तथा स्कूल समय के दौरान सावधानियां बरतनी अनिवार्य हैं।
1. किसी भी प्रकार की लापरवाही आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत दंडनीय अपराध मानी जाएगी।
2. प्रदेश के सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में एक समान नियम लागू होंगे। अध्यापकों से मिले वाले विद्यार्थियों को आपसी समन्वय स्थापित कर समय प्रदान करें।
3. सभी स्कूलों के अध्यापकों के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप इंस्टाल करना व कोविड टेस्ट करवाना अनिवार्य है। डीईओ अपने जिले के उपायुक्त व सीएमओ के माध्यम से कोविड टेस्ट करवाना सुनिश्चित करेंगे। बाक्स ----
शिक्षा विभाग की गाइडलाइन ही असमंजस पैदा करने वाली है। शिक्षकों के कोविड टेस्ट तो करने के आदेश दे दिए, लेकिन बच्चों के टेस्ट नहीं होंगे तो कैसे पता चलेगा कि स्कूल लगने के बाद किसी स्कूल में कोरोना पाजिटिव आते हैं, तो किसके संपर्क में आए। हम अनावश्यक रूप से आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई क्यों करवाएंगे। क्योंकि शिक्षक को आपस में शारीरिक दूरी रखते हैं पर बच्चों को काबू करना आसान नहीं है। इसलिए हम 21 सितंबर से स्कूल नहीं खोलेंगे। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों के कोविड टेस्ट भी निशुल्क किए जाएं, तभी हम स्कूल खोलने के लिए विचार कर सकते हैं।
--अनिल कौशिक, प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष।
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पिछले छह माह से निजी स्कूल पहले ही आर्थिक मार झेल रहे हैं और अब कोविड टेस्ट के नाम से 1600 रुपये और वसूलना शुरू कर दिया है। एक स्कूल में 100 से 150 शिक्षकों व नोन टीचिग स्टाफ है। यदि सभी के टेस्ट करवाते हैं तो लाखों रुपये का यह अतिरिक्त बोझ भी स्कूल संचालकों पर पड़ेगा। इसलिए कल से हम स्कूल नहीं खोलेंगे।
--विशाल सैनी, संचालक, सरस्वती स्कूल नसीबपुर।
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हम कल से स्कूल खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। आर्थिक मंदी की मार झेल रहे स्कूलों के लिए कोविड टेस्ट के नाम से 1600 रुपये की वसूली काफी महंगी पड़ रही है। इसके लिए सभी स्कूल संचालक आगे की रणनीति बनाएंगे और इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
-- अतरसिंह यादव, कोयल पब्लिक स्कूल खटोंटी कलां के संचालक।