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चार ब्लॉक 185 गांव, एक अधिकारी, कैसे हो काम

जिला के ब्लाकों में अधिकारियों का टोटा होने के कारण अधिकारियों के कंधों पर कई ब्लॉकों सहित सैकड़ों गांवों का कार्यभार टिका हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 07:44 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:06 AM (IST)
चार ब्लॉक 185 गांव, एक अधिकारी, कैसे हो काम
चार ब्लॉक 185 गांव, एक अधिकारी, कैसे हो काम

सुभाष दूरदर्शी, मंडी अटेली :

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जिला के ब्लाकों में अधिकारियों का टोटा होने के कारण अधिकारियों के कंधों पर कई ब्लॉकों सहित सैकड़ों गांवों का कार्यभार टिका हुआ है। ऐसे में अधिकारी स्थायी रूप से बैठकर जनता की समस्या सुनने में असक्षम

हो रहे हैं। जिले के ब्लॉक अटेली, कनीना, महेंद्रगढ़ व सतनाली ब्लॉकों का कार्यभार एक ही खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कंधों पर टिका हुआ है।

गांव के आंकड़ों के अनुसार अटेली ब्लॉक में 43 व कनीना में 52, महेंद्रगढ़ में 65, सतनाली में 26 गांव लगते हैं। चारों ब्लॉकों के गांवों की संख्या 185 को पार करती है। इन गांवों की आपसी दूरी भी काफी

लंबी है। अगर बीडीपीओ अटेली खंड के गांव खेड़ी में किसी कार्य से उपस्थित हैं और उसी दौरान उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार कनीना खंड के गांव स्याना पौता गांव में पहुंचना पड़े तो इसकी दूरी 65 किलोमीटर के करीब होगी। अगर सतनाली के गांवों में जाना पड़े

तो यह दूरी 100 किलोमीटर को पार कर जाती है। जहां पर अधिकारी को पहुंचने के लिए घंटों का समय लग जाता है। इस तरह के अधिकारी के पूरे वर्ष के कार्यकाल पर नजर डालें तो अजीब सी कहानी सामने होगी। साल के 365 दिनों में रविवार व शनिवार के अवकाश तथा 34 के करीब उत्सवों के अवकाश होने के कारण 136 दिन कार्यालय में काम न होने के कारण 225 दिन ही कार्यालय खुलते हैं, लेकिन इस दौरान अधिकारियों को अपने निजी कार्य के लिए अवकाश भी

लेने पड़ते हैं। ऐसे में अधिकारी लंबे चौड़े क्षेत्रफल में पांव पसारे चार ब्लॉकों के लोगों की समस्या सुनना काफी मुश्किल भरा काम है। विशेष बात यह है कि किस ब्लॉक में बीडीपीओ किस दिन उपस्थित होंगे यह भी समय सारणी निश्चित नहीं है। साल के 225 दिनों के अंतराल 185 गांव के लोगों की समस्याएं या उनके कार्याें को अंजाम देने के लिए बीडीपीओ को एक लंबी समस्या से गुजरना पड़ रहा है। अटेली ब्लॉक में बीडीपीओ की अस्थायी रूप से नियुक्ति है, लेकिन कनीना में बीडीपीओ के पद स्थायी हैं। महेंद्रगढ़ व सतनाली अतिरिक्त कार्यभार है। वैसे तो बताया जा रहा है कि इस बीडीपीओ का तबादला बाढड़ा हो चुका है। ऐसे में जिले में एक बीडीपीओ रह जाएगा। जिनके पास 346 पंचायतों का कार्यभार हो जाएगा। ऐसे में 8 खंडों में माह में एक दिन ही

मुश्किल पहुंचना संभव होगा। जाहिर है कि लोगों के काम कैसे भी नहीं हो सकेंगे। डीडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि अधिकारियों की कमी के चलते अतिरिक्त जिम्मेदारी दी

हुई है। लोगों की समस्या निपटाने के लिए अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।


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