दादरी सीमा से लेकर नारनौल तक सालभर खाए हिचकौले
यह वर्ष भी बीत गया लेकिन दादरी सीमा से लेकर नारनौल तक के मार्ग की दशा नहीं सुधरी। दावे भी खूब हुए साथ ही विधानसभा में भी यह मामला उठा और प्रदेश सरकार ने इसके लिए बजट भी पास कर दिया। इसके बावजूद 2021 इस सड़क को लेकर 21 साबित नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, नारनौल: यह वर्ष भी बीत गया, लेकिन दादरी सीमा से लेकर नारनौल तक के मार्ग की दशा नहीं सुधरी। दावे भी खूब हुए साथ ही विधानसभा में भी यह मामला उठा और प्रदेश सरकार ने इसके लिए बजट भी पास कर दिया। इसके बावजूद 2021 इस सड़क को लेकर 21 साबित नहीं हुआ।
इस मार्ग की दशा वैसे तो कई साल से खराब है। नांगल सिरोही की टूटी हुई सड़क पर पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग ने पिछले दिनों गड्ढे भर भी दिए थे, लेकिन फिर से वही हालात हो गए। इस गांव से वाहनों का गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं है। महेंद्रगढ़ से नारनौल के बीच अधिकांश सड़क टूटी हुई है। सबसे बुरे हालात तो महेंद्रगढ़ से दादरी जिले की सीमा तक के हैं। इस मार्ग पर तो इतने गहरे गड्ढे बने हुए हैं कि छोटे वाहनों का चलना तो दूर कई बार तो उनके एक्सल तक टूट जाते हैं। आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं, लेकिन इसकी सुध विभाग के अधिकारियों ने नहीं ली। महेंद्रगढ़ और नारनौैल के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इस सड़क को लेकर कई बार मांग उठाई गई। हालांकि, पिछले माह इस सड़क को फोरलेन करने के लिए बजट पास हो पाया है, लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो पाया है। चार जनवरी को इस सड़क के निर्माण के लिए टेंडर छोड़े जाएंगे। इसके बाद ही सड़क की दशा सुधरने की संभावना बनेगी। इस बीच यह तो स्पष्ट रहा कि जिलावासियों को 2020 की तरह 2021 में भी इस मार्ग पर सिर्फ हिचकौले ही खाने को मजबूर होना पड़ा। सालभर तकलीफ झेलने के बाद भी राहत नहीं मिलने से वाहन चालकों को महज निराशा ही हाथ लगी। खैर उम्मीद पर दुनिया कायम है और आने वाले नए साल में उम्मीद है कि दादरी सीमा से लेकर नारनौल तक की इस सड़क की दशा ही नहीं सुधरेगी, बल्कि फोरलेन का मार्ग बन जाएगा तो विकास को नए पंख भी लगेंगे। सड़क के निर्माण का कार्य पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग की एचएसआरडीसी विग को सौंपा गया है। चार जनवरी को इसके टेंडर छोड़ दिए जाएंगे। इसके करीब एक माह बाद तक सड़क का निर्माण शुरू हो सकेगा।
अश्वनी कुमार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग