पशुओं के लिए गहराया पेयजल संकट, गांवों के जोहड़ खाली
कोरोना संक्रमण के बीच गर्मी व उमस के चलते आमजन के साथ पशु पक्षियों को भी पीने के पानी के संकट से गुजरना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, सतनाली :
कोरोना संक्रमण के बीच गर्मी व उमस के चलते आमजन के साथ पशु पक्षियों व गांवों के मवेशियों में भी पानी का संकट गहराने लगा है। जोहड़ों में पानी सूख चुका है। पशुपालकों ने बताया कि सरकार के आदेश के बावजूद भी प्रशासन के अधिकारी सतनाली खंड के गांवों के जोहड़ों को भरवाने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में गत दिनों सरकार ने सिचाई विभाग व जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पीने के पानी व पशुओं के पानी की समस्या को दूर करने के लिए गांवों के सभी जोहड़ भरने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कुछ गांवों में तो जोहड़ की साफ सफाई करवाई तथा अनेक गांवों के जोहड़ में सफाई तक नहीं हुई। जोहड़ में पानी न होने के कारण उनके पशुओं को गर्मी के मौसम में पीने के पानी व नहलाने के लिए भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में प्रशासन से भी गुहार लगाई जा चुकी है। खंड के लगभग सभी गांवों के जोहड़ सूखे हैं। ऐसे में गांव में प्यास व गर्मी से व्याकुल मवेशी व परिदे दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। वहीं जंगली जानवरों व पशु पक्षियों का हाल सबसे ज्यादा खराब है। भूमिगत जलस्तर के गहराने, बरसात व नहरी पानी के अभाव में ग्रामीण जोहड़ सूखे हैं। ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि सतनाली खंड़ के सूखे पड़े जोहड़ों को जल्द से जल्द भरवाया जाए ताकि पशुपालकों को अपने मवेशियों के पीने के पानी व स्नान के लिए पशुओं के साथ दर-दर न भटकना पड़े।
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जोहड़ों में सफाई व्यवस्था पंचायत द्वारा करवाने के निर्देश दिए जाएंगे। सफाई के बाद ही पानी की व्यवस्था करना तथा उन्हें नहरों से जोड़ने का कार्य सिचाई विभाग के माध्यम से कराया जाएगा। इस बारे में संबंधित विभाग को अवगत करवाया जाएगा।
--धर्मबीर यादव, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, सतनाली।