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मासूम के दिल का आपरेशन करवा मददगार बने डा. विनय

निवासी रूपचंद ने अपने 8 वर्षीय पुत्र कार्तिक के दिल में छेद होने के कारण उसका आपरेशन कराना था। लेकिन इस आपरेशन के करवाने में कम से कम ढाई लाख रुपये खर्च आना था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 08:03 PM (IST)
मासूम के दिल का आपरेशन करवा मददगार बने डा. विनय
मासूम के दिल का आपरेशन करवा मददगार बने डा. विनय

संवाद सूत्र, कनीना: गांव गुढा निवासी रूपचंद ने अपने 8 वर्षीय पुत्र कार्तिक के दिल में छेद होने के कारण उसका आपरेशन कराना था। लेकिन इस आपरेशन के करवाने में कम से कम ढाई लाख रुपये खर्च आना था। रुपचंद के लिए इतनी बड़ी राशि वहन करना आसान नहीं था। कार्तिक राजकीय प्राथमिक पाठशाला गुढा में चौथी कक्षा में पढ़ता है। लेकिन कार्तिक व उनके परिवार के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम उनके लिए जीवनदायिनी साबित हुई। रूपचंद ने कहा कि आरबीएसके, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम उन बच्चों व अभिभावकों के लिये वरदान है, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं और उनके अभिभावकों के पास इलाज के लिये खर्च की गुंजाइश नहीं हैं। बकौल रुपचंद उनका बच्चा कभी-कभार अपने आप को असहाय महसूस करता था। इस दौरान एसडीएच कनीना के चिकित्सकों की टीम ने विद्यालय में बच्चों की स्वास्थ जांच के लिये कैंप लगाया। जिसमें डा. विनय कुमार ने कार्तिक की एक्टिविटी को समझ कर असहाय होने का अंदेशा हुआ। उन्होंने बच्चे के अभिभावकों को बुलाकर उसका मेडिकल चेकअप कराने की सलाह दी। जुलाई 2019 में नागरिक अस्पताल नारनौल से उन्होंने बच्चे के बॉडी टेस्ट कराये गये। इस दौरान उन्हें मालूम हुआ कि उसके दिल में छेद है। रूपचंद ने निजी अस्पताल के चिकित्सकों से सलाह ली, जिसमें करीब ढाई से तीन लाख रुपये का खर्चा बताया। इतना सुनकर मेहनत-मजदूरी करके परिवार को पोषण करने वाले रूपचंद के पैरों तले से मानों जमीन खिसक गई। उन्होंने डा.विनय कुमार से संपर्क किया ओर पूरी स्थिति से अवगत कराया। डा. विनय कुमार ने उनकी पीड़ा को समझते हुये कार्तिक को आरबीएसके, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के अंतर्गत सर्जरी करवाने का निर्णय लिया। उन्होंने सभी प्रकार से उनकी मदद करते हुये कार्तिक की फाइल को स्वास्थ विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों चंडीगढ से स्वीकृत कराया और सर्जरी के लिये तिथि तय करवाई। कोविड 19 के चलते लाकडाउन होने पर कार्य ठप हो गये। उसके बाद 20 नवंबर को उनके दिशा निर्देशन में जयपुर के नारायण अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. अशोक कुमार व उनकी टीम ने कार्तिक का हार्ट सर्जरी कर दी, जो पूर्णतया सही रही। सर्जरी होने के बाद रूपचंद व उसके परिजनों ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक भगवान का दूसरा स्वरूप हाते हैं। कार्तिक को सोमवार के दिन अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया जहां वे मंगलवार को अपने घर पंहुचे हैं। उनके चेहरे पर खुशी के भाव प्रस्फुटित हो रहे हैं। रूपचंद ने बताया कि उनके बच्चे कार्तिक के आपरेशन में उप नागरिक अस्पताल कनीना के डा.विनय कुमार का पूरा सहयोग रहा है,उनके प्रयासों ने हमारी जिदगी में खुशियां भर दी।

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डा.विनय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थय कार्यक्रम योजना के अंर्तगत शून्य से 19 वर्ष के बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। इस योजना के माध्यम से उनके द्वारा खैराना, सुदंरह, दोगड़ा दोंगड़ा अहीर, बेवल आद गावों में 7-8 बच्चों की हार्ट सर्जरी करवा चुके हैं। इसके अलावा दर्जनभर बच्चों के कटे हुये होठ-तालु का आपरेशन तथा 5 बच्चों के टेडे-मेडे पैरों का आपरेशन करवा कर ठीक करवाया गया है।

एसडीएच कनीना के चिकित्सा प्रभारी डा.धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आरबीएसके योजना बच्चों के स्वास्थ के लिये वरदान है। गंभीर बीमारी से पीड़ित कोई भी जरूरतमंद अभिभावक अपने बच्चों को इस योजना में बेहतर ईलाज दिला सकता है। स्वास्थ विभाग की ओर से समय-समय पर शिविर भी आयोजित किये जाते हैं। जिनमें कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

इस बारे में हलका विधायक सीताराम यादव ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार जनहित को ध्यान में रखकर नीतियों का निर्धारण कर रही हैं। आमजन के लिये अनेकों कल्याणकारी योजनायें क्रियान्वित की गई हैं। शिक्षा-चिकित्सा व रोड़ को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार का विशेष फोकस है।


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