हरियाणा पुलिस पेपर लीक मामले में आरोपितों की जमानत रद
गत 23 दिसंबर को हुई हरियाणा पुलिस के सिपाही रैंक की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक व व्यापक धांधली की बदबू आ रही है। उस रोज आयोजित परीक्षा में महेंद्रगढ़ स्थित राव जयराम डिग्री कॉलेज के सेंटर कोड 726 के कमरा नंबर 76 में अनुचित रूप से अपने आप को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की फ्लाइंग का सदस्य बता कर प्रवेश किया तथा रोल नंबर 9031501924 को एक कागज देने का प्रयास किया, जिसका उस कमरे में ड्यूटी दे रहे सुपरवाइजर मेहरचंद ने विरोध किया तो उस व्यक्ति ने उस कागज को निगल लिया। बाद में उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले किया, जिस पर उसी रोज ही महेंद्रगढ़ थाने में नीरज उर्फ मंजीत व संदीप पुत्र सुरेश कुमार के खिलाफ धारा 120बी, 201, 419, 420 व 511 आईपीसी के तहत मुकदमा नंबर 740 दर्ज किया गया। आरोपित नीरज ने सत्र न्यायाधीश नारनौल के न्यायालय में जमानत की दरखास्त पेश की थी। उक्त जमानत की दरखास्त को खारिज करते हुए
जागरण संवाददाता, नारनौल:
हरियाणा पुलिस में सिपाही रैंक की भर्ती परीक्षा के दौरान धांधली के आरोप में गिरफ्तार युवकों की जमानत अदालत से खारिज हो गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में विस्तृत जांच के लिए प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखा है।
यह है मामला
23 दिसंबर को परीक्षा के दौरान महेंद्रगढ़ स्थित राव जयराम डिग्री कॉलेज के सेंटर कोड 726 के कमरा नंबर 76 में नीरज उर्फ मंजीत नाम के युवक ने अनुचित रूप से प्रवेश किया। आरोपित ने स्वयं को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की फ्लाइंग का सदस्य बताकर रोल नंबर 9031501924 के अभ्यर्थी को एक कागज देने का प्रयास किया। कमरे में ड्यूटी दे रहे सुपरवाइजर मेहरचंद ने विरोध किया तो आरोपित ने कागज निगल लिया। उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। उसी दिन महेंद्रगढ़ थाने में नीरज उर्फ मंजीत व दूसरे आरोपित संदीप पुत्र सुरेश कुमार के खिलाफ धारा 120बी, 201, 419, 420 व 511 आइपीसी के तहत मुकदमा नंबर 740 दर्ज किया गया।
आरोपित नीरज ने सत्र न्यायाधीश नारनौल के न्यायालय में जमानत की याचिका पेश की थी। याचिका खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विवेक सिंघल की अदालत ने बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताते हुए इस मामले की उच्च स्तर पर जांच के लिए आईजी जोन व डीजीपी को पत्र एवं आइजी को पत्र लिखा है।
आदेश के मुताबिक सरकारी वकील रमणीक यादव ने अपनी बहस में बताया कि संदीप ने दूसरे आरोपित सोनिल से उक्त पेपर की उत्तर कुंजी को एक लाख रुपये में खरीदने की डील की। नीरज परीक्षा केंद्र के अंदर था। संदीप के मोबाइल पर परीक्षा समाप्ति के 10 मिनट पहले उत्तर कुंजी प्राप्त हुई। जिसे देने के लिए वह एसएससी का फर्जी प्रतिनिधि बनकर परीक्षा केंद्र में घुस गया। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि जिस सोनिल के मोबाइल फोन से उत्तर कुंजी प्राप्त हुई, वह चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस में कार्यरत है। जिसके बाद न्यायाधीश ने इस अपराध को गंभीर मानते हुए नीरज की जमानत खारिज कर दी। अदालत ने यह भी आशंका जताई कि परीक्षा प्रारंभ होने के कुछ समय बाद उक्त परीक्षा की उत्तर कुंजी मोबाइल पर भेजी गई है। इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता की यह अन्य किसी को नहीं भेजी गई हो। अदालत ने कहा कि मामले की जांच एक उप पुलिस निरीक्षक कर रहा है, जो पर्याप्त नहीं है। पुलिस महानिदेशक व संबंधित पुलिस महानिरीक्षक इस मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी या एसआइटी या किसी एजेंसी से करवाएं।