न्यू डाबला रेलवे स्टेशन से लाजिस्टिक हब तक नई रेलवे लाइन निर्माण का काम प्रारंभ
जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल के पास बसीरपुर तलोट एवं घाटाशेर गांव में बनने वाले लाजिस्टिक हब को विशेष रेलवे लाइन से जोड़ने का काम न्यू डाबला रेलवे स्टेशन से प्रारंभ कर दिया गया है।
बलवान शर्मा, नारनौल: जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल के पास बसीरपुर, तलोट एवं घाटाशेर गांव में बनने वाले लाजिस्टिक हब को विशेष रेलवे लाइन से जोड़ने का काम न्यू डाबला रेलवे स्टेशन से प्रारंभ कर दिया गया है। इस कार्य पर करीब 100 से 150 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इसके साथ ही लाजिस्टिक हब में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 11 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है, वहीं हब को एनएच 148 बी से दो सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिनकी लंबाई करीब सात से आठ किलोमीटर होगी। गांव छिलरो के ग्रामीणों को हब की वजह से कोई परेशानी न हो, इसके लिए एक अन्य सड़क ग्रामीणों के लिए बनाकर दी जाएगी और इसका कार्य भी चल रहा है। हब के लिए बिजली लाइन बिछाने का कार्य भी निगम के जरिये चल रहा। अधिकारियों का दावा है कि अगले वर्ष तक हब के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाएं देने का कार्य पूरा हो जाएगा। शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट के लिए बने एसपीवी के चीफ आपरेटिग आफिसर संजीत सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने मौके पर जाकर रेलवे के अधिकारियों से जानकारी ली।
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विधायक डा. अभय सिंह यादव ने बताया कि इस निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत निर्माण का कार्य रेल विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी अनुसार इसके लिए आवश्यक सामग्री भी मौके पर जुटानी प्रारंभ कर दी है तथा इसका निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। डा. यादव ने बताया कि लाजिस्टिक हब के लिए आवश्यक आधारभूत ढांचा तैयार हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं हरियाणा पीडब्ल्यूडी द्वारा लाजिस्टिक हब तक सड़क मार्ग का निर्माण पूर्ण होने के कगार पर है। इसी तरह नहर से पानी ले जाने की व्यवस्था पर भी काम चालू है। डेरोली अहीर 220 केवी पावर हाउस से विशेष लाइन बिछाने का काम भी चालू हो चुका है। आने वाले कुछ महीनों में लाजिस्टिक हब का बाहरी आधारभूत ढांचा बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद आंतरिक विकास की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
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मानेसर बावल निवेश क्षेत्र (एमबीआइआर) को डीएमआइसी में आठ निवेश क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना गया है। इस निवेश क्षेत्र के भीतर नांगल चौधरी के पास 886.78 एकड़ में एकीकृत मल्टीमाडल लाजिस्टिक्स हब (आइएमएलएच) को डीएमआइसी के निर्माण के उद्देश्य के अनुरूप प्रस्तावित किया गया है। विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी माहौल और अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाओं के साथ एक मजबूत आर्थिक आधार दिया जाना है।
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एक एकीकृत मल्टी-माडल लाजिस्टिक्स हब, जिसे फ्रेट विलेज के रूप में भी जाना जाता है। यह सिर्फ एक टर्मिनल से कहीं अधिक सुविधा प्रदान करेगा। कार्यात्मक और मूल्य वर्धित पदानुक्रम के फ्रेट वितरण क्लस्टर में शीर्ष रसद सुविधा के रूप में, फ्रेट विलेज टाइपोलाजी में शामिल अन्य प्रकार के रसद केंद्रों के कार्यों का निर्माण और समावेश करेगा। एक फ्रेट विलेज में गोदामों, समूह गतिविधियों, सीमा शुल्क, रखरखाव कार्यशालाओं, बीमा, बैंकिग, कार्यालयों और अन्य सेवाओं जैसी सहायक सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
आम तौर पर एक फ्रेट गांव के भीतर मिलने वाली कुछ बुनियादी रसद सेवाएं प्राथमिक मोड लोड/अनलोडिग हो सकती हैं। भंडारण; माध्यमिक मोड में स्थानांतरण। पारगमन में क्रास-डाकिग, विलय, वितरण, अंतिम वितरण, शीत भंडारण क्षेत्र और 24 घंटे भंडारण की सुविधा भी दी जाएगी।
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हब की बेहतरीन है लोकेशन
परियोजना स्थल बसीरपुर, घाटसेर और तलोट नामक तीन गांवों में स्थित है। यह साइट हरियाणा-राजस्थान सीमा क्षेत्र के पास है। यह साइट वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) रेवाड़ी-फुलेरा कार्ड के साथ लगती है। डब्ल्यूडीएफसी के अलावा, यह साइट राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है।