पेयजल सप्लाई को कीटाणु रहित करने के लिए क्लोरिनेशन जरूरी: मंगतुराम सरसवा
जल जीवन मिशन के तहत जिले की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को पेयजल की गुणवत्ता के प्रति सजग किया जा रहा है। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन के जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि विभाग द्वारा पेयजल की सप्लाई से पहले पानी को कीटाणु रहित करने के लिए क्लोरिनेशन किया जाता है।
जागरण संवाददाता, नारनौल: जल जीवन मिशन के तहत जिले की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को पेयजल की गुणवत्ता के प्रति सजग किया जा रहा है। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन के जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि विभाग द्वारा पेयजल की सप्लाई से पहले पानी को कीटाणु रहित करने के लिए क्लोरिनेशन किया जाता है।
क्लोरिन की जांच के लिए ग्राम पंचायतों में बनी ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि उपभोक्ता खुद पानी की गुणवत्ता की जांच कर सकें। जीवाणु परीक्षण किट प्रत्येक ग्राम पंचायत की वीडब्ल्यूएससी सदस्य, महिलाओं, स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी वर्करों में प्रदान करके ग्रामीणों के माध्यम से ही पीने के पानी की जांच करवाई जा रही है। जीवाणु जांच किट के माध्यम से भी अब तक जिले 2832 सैंपल जांचे जा चुके हैं।
पेयजल दूषित न हो इसके लिए सभी उपभोक्ता अपने नलों को घर के अंदर स्टैंड पोस्ट करके नल पर टूंटी अवश्य लगाएं। कोई भी नल जमीन में लेटा न हो। साथ ही गांव की पेयजल पाइपलाइन अगर कहीं से लीेकेज है तो उन्हें तुरंत ठीक करवाएं। इसके लिए विभाग ने शिकायत निवारण के लिए टोल फ्री नंबर 18001805678 भी उपभोक्ताओं को प्रदान कर रखी है। क्लोरिनेशन जांच के लिए अभी तक जिले की 346 ग्राम पंचायतों में से 238 ग्राम पंचायतों के वीडब्ल्यूएससी सदस्यों को क्लोरिन जांच किट यानि ओटी किट प्रदान की जा चुकी है। गुलावला व लहरोदा ग्राम पंचायत के वीडब्ल्यूएसी सदस्यों को जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा व बीआरसी इंद्रजीत ने ओटी किट से क्लोरिनेशन जांच के लिए प्रशिक्षित किया। इस मौके पर सक्षम युवा अंकुर, विकास आदि उपस्थित रहे।