मेडिकल कालेज पर बीएएमएस छात्रों ने लगाए गंभीर आरोप
खंड के गांव डिगरोता स्थित श्रीराम मेडिकल कालेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों ने कालेज प्रबंधन पर उनके भविष्य से खिलवाड़ करने तथा तमाम नियमों की अनदेखी कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे मेडिकल कालेज संचालन करने के गंभीर आरोप लगाए है।
संवाद सहयोगी, सतनाली : खंड के गांव डिगरोता स्थित श्रीराम मेडिकल कालेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों ने कालेज प्रबंधन पर उनके भविष्य से खिलवाड़ करने तथा तमाम नियमों की अनदेखी कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे मेडिकल कालेज संचालन करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मेडिकल के विद्यार्थियों ने सरकार व कुरुक्षेत्र स्थित आयुष विश्वविद्यालय से मामले की जांच करने तथा उन्हें मान्यता प्राप्त किसी अन्य मेडिकल कालेज में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई है, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। कालेज विद्यार्थियों ने कालेज प्रबंधन की मनमानी को लेकर प्रदर्शन किया व नारेबाजी कर रोष जताया। विद्यार्थियों ने बताया कि वर्ष 2018 में कुरुक्षेत्र आयुष विश्वविद्यालय द्वारा काउंसलिग के माध्यम से उन्हें डिगरोता स्थित श्रीराम मेडिकल कालेज में बीएएमएस की सीट अलॉट की थी। कालेज का यह प्रथम बैच था तथा इस बैच में 17 विद्यार्थियों के दाखिले हुए थे।
आरोप है कि कालेज में मेडिकल कालेज के जैसी कोई सुविधा नहीं है तथा न ही यहां मेडिकल कालेज के अनुसार पूरा स्टाफ है। ऐसे में उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कालेज में उनके बैच के बाद अन्य कोई बैच भी नहीं आया है, जिससे कालेज की मान्यता भी संदेह के घेरे में है। आरोप है कि कालेज में छात्राओं के लिए हॉस्टल सुविधा तो है परंतु उनकी सुरक्षा के लिए न तो हॉस्टल वार्डन है न ही सुरक्षाकर्मी। कालेज में दाखिले के समय उन्हें मात्र दो शिक्षक मिले जिनमें से एक शिक्षक छोड़कर चला गया। जबकि दूसरा शिक्षक जिसे कालेज का प्राचार्य बताया गया वह कभी कभार ही कालेज में प्रबंधन के कहने पर आता है। कालेज में अस्पताल संचालन की कोई सुविधा नहीं है तथा यहां झूठे मरीज दिखाकर आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं। अस्पताल व स्टाफ न होने के कारण उन्हें प्रैक्टिकल ज्ञान भी नहीं मिल पा रहा है। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि उन्हें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भी नहीं बैठने दिया गया तथा बाद में उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी, जिसके बाद उनकी परीक्षाएं हुई। कालेज में पिछले दिनों विश्वविद्यालय से एक टीम आइ थी, जिसके समक्ष भी उन्होंने मामले से अवगत करवाया, परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कालेज प्रबंधन पर फर्जी दस्तावेजों के साथ मेडिकल कालेज संचालन कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द उक्त विश्वविद्यालय के किसी अन्य मान्यता प्राप्त मेडिकल कालेज में भेजा जाए, ताकि उनके भविष्य से खिलवाड़ न हो।
इस अवसर पर स्वाति, निशा, हरिओम, प्रदीप, साकिब, पारूल, दीपांशु, मीनाक्षी, अंकित व भगवानदास सहित अनेक मेडिकल छात्र उपस्थित थे। वर्जन :
छात्रों के आरोप निराधार हैं तथा मेडिकल कालेज में विद्यार्थियों का दाखिला विश्वविद्यालय में हुई काउंसलिग के माध्यम से हुआ है। ऐसे में मान्यता न होने का सवाल ही नहीं है। छात्रों की कालेज प्रबंधन से क्या नाराजगी है, इस बारे में छात्रों से बात कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
- सुकेश दीवान, संचालक, मेडिकल कालेज, डिगरोता।