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शापिग कांप्लेक्स में शौचालय, पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था जीरो

नगरपालिका की अनदेखी के चलते शहर के सबसे बड़े शापिग कांप्लेक्स के व्यापारी एवं दुकानदारों को सुविधाओं के अभाव में परेशानी उठानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 05:35 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 05:35 PM (IST)
शापिग कांप्लेक्स में शौचालय, पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था जीरो
शापिग कांप्लेक्स में शौचालय, पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था जीरो

मोहन अग्रवाल, महेंद्रगढ़:

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नगरपालिका की अनदेखी के चलते शहर के सबसे बड़े शापिग कांप्लेक्स के व्यापारी एवं दुकानदारों को सुविधाओं के अभाव में परेशानी उठानी पड़ रही है। किराये के अलावा 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स देने के बाद भी शॉपिग कांप्लेक्स के व्यापारी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। यहां पर 300 से अधिक दुकानें हैं, लेकिन शौचालय एक भी नहीं हैं। इसके अलावा पेयजल, पार्किंग, सफाई, बिल्डिग की मरम्मत, पार्किंग व्यवस्था सब कुछ जीरो है। यह शहर का सबसे बड़ा बाजार है, इस बाजार से हर रोज हजारों ग्राहक सामान खरीदने के लिए आते हैं।

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26 वर्ष पूर्व बना था कांप्लेक्स

महेंद्रगढ़ का शापिग कांप्लेक्स का 4 अगस्त 1994 को तत्कालीन प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री धर्मबीर गाबा ने उद्घाटन किया था। उस समय करोड़ों रुपये की लागत से 3 फेज का काप्लेक्स बनाया गया था, जिसमें 300 से अधिक दुकानें और दस शोरूम बनाए गए थे। इससे सैकड़ों दुकानदारों को काम मिला था। आज यह कांप्लेक्स शहर के सबसे बड़े बाजार के रूप में उभर चुका है। लेकिन 27 वर्ष बाद भी कांप्लेक्स की स्थिति रखरखाव के कारण बेहद खस्ता हो चली है। कांप्लेक्स बना उसी समय से यहां शौचालय नहीं बनाए गए। खरीदारी करने बाजार में आने वाली महिलाओं को परेशानी होती है। नगर पालिका ने यहां पर पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं की है।

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सफाई व्यवस्था चौपट

शापिग कांप्लेक्स के अंदर पालिका ने कहीं भी कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं की है और न ही सफाई कर्मचारी सफाई करते हैं। कांप्लेक्स के अंदर शाम के समय दुकाने बंद होने पर आवारा पशुओं की शरणस्थली बन जाता है। रात्रि के समय आवारा पशु यहां रहते हैं। गोबर, मूत्र आदि करके कांप्लेक्स को खराब कर देते हैं। इसके अतिरिक्त दुकानों के बाहर कूड़ा भी यहां वहां पड़ा रहता है उन्हें उठाने के लिए कोई नहीं पहुंचता।

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कांप्लेक्स की हालत जर्जर

27 साल पुराने शॉपिग कांप्लेक्स की हालत कई जगहों से जर्जर हो चुकी है। छत के सरिये दिखाई देने लगे हैं कई बार प्लास्टर ग्राहकों के ऊपर भी गिर जाता है जिससे वे चोटिल हो जाते हैं। दुकानदारों की यह समस्या पिछले चार पांच वर्षों से है। लेंटर की हालत इतनी खस्ता हो चली है कि उन्हें डर के साए में काम करना पड़ रहा है।

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कांप्लेक्स की सभी सड़क जर्जर

शापिग काप्लेक्स की सभी सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। इन रोडों की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है बाइक चालक कई बार गिरकर चोटिल हो जाते हैं। बरसात के मौसम में दुकानों के आगे पानी भी जमा रहता है। जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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क्या कहते हैं शापिग कांप्लेक्स के दुकानदार:

कांप्लेक्स की खस्ताहाल छत को लेकर नगरपालिका, मार्केट कमेटी व प्रसाशनिक अधिकारियों को कई बार अवगत करवा चुके हैं। लेकिन समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

--दुकानदार रतनलाल।

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कांप्लेक्स में सुधार को लेकर पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा से सभी दुकानदार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समस्या अभी तक वैसी ही है। दुकानदारों की यह समस्या पिछले चार पांच वर्षों से है। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

--रेडिमेड शोरूम के संचालक लक्ष्मीनारायण।

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कांप्लेक्स की हालत कई जगहों से जर्जर हो चुकी है। छत के सरिये दिखाई देने लगे हैं। कई बार प्लास्टर ग्राहकों के ऊपर भी गिर जाता है, जिससे वे चोटिल हो जाते हैं।

--दुकानदार राजेश चुघ।

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कांप्लेक्स में शौचालय नहीं होने के कारण दुकानदारों, व्यापारियों एवं ग्राहकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसलिए शौचालय के लिए रेस्ट हाउस के पास गाड़ियों के पीछे जाकर शौच करके आते हैं, तब तक उनके दिमाग में पीछे सामान उठने का भी डर रहता है।

--दुकानदार बजरंग लाल अग्रवाल।


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