नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी धारण करें बच्चे :विपिन शर्मा
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से बृहस्पतिवार को सर्वोदय उच विद्यालय नसीबपुर में सेमीनार आयोजित
जागरण संवाददाता, नारनौल हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद चंडीगढ की ओर से बृहस्पतिवार को सर्वोदय उच्च विद्यालय नसीबपुर में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर सेमीनार का आयोजन किया गया।
इस मौके पर योजना के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने स्कूल के सभी विद्यार्थी एवं अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज व्यक्ति एवं समाज में सांप्रदायिकता, अराजकता, जातीयता, भाषावाद, हिसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही है। उन्होंने बताया कि वास्तव में नैतिक गुणों की कोई सूची नहीं बनाई जा सकती। हम इतना अवश्य कह सकते हैं कि मनुष्य में अच्छे गुणों को हम नैतिक कह सकते है। जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरों के कल्याण में भी सहायक हों। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है
विपिन कुमार शर्मा ने कहा कि नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नीतियों का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिसा आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि ये भी नैतिक गुणों में आते हैं और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज, राष्ट्र का निर्माण हो सके। उन्होंने बच्चों को उच्च श्रेणी की शिक्षा प्राप्त करने के साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा को भी धारण करने के लिए प्रेरित किया। बड़ों का करें आदर
उन्होंने अपने बुजुर्गो, अध्यापकों व अपने सभी सगे-संबंधियों का आदर करने व अपने जीवन में कामयाब इंसान के साथ एक अच्छे इंसान बनने की अपील की। उन्होने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय के अनुसार नैतिक मूल्य यानि उच्च चरित्र ही जीवन का मूल आधार है, इनके बिना मनुष्य पशु के समान है। बच्चों से आह्वान किया कि वे अपने महान ग्रंथ रामायण से जीवन में क्या करना है, यह सीखने को मिलता है तथा महाभारत ग्रंथ से जीवन में क्या नही करना व भागवत गीता से जीवन को कैसे जीना है, यह सीखने को मिलता है। अत: अपने इन ग्रंथों को अपने जीवन में अवश्य एक बार पढ़ने व सुनकर अपने जीवन में इन ग्रंथों में बताई गई उच्च नैतिक चरित्रों को धारण करना चाहिए। इसके अलावा अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा रखना भी नैतिक मूल्य है। बच्चों को सभी गतिविधियों से अवगत करवाया
इस मौके पर बाल भवन से तीरंदाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा ने बच्चों को जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से बच्चों व समाज के लिए चलाई जा रही सभी गतिविधियों से अवगत करवाया तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में इन गतिविधियों में भाग लेकर लाभ उठाएं। इस अवसर पर प्राचार्य अमीचन्द शर्मा, दलजीत शास्त्री एवं समस्त अध्यापकगण बच्चे उपस्थित थे।