अहीरवाल संस्कृति मंच ने अटेली के 11 गांवों के इतिहास को किया कलमबद्ध
अहीरवाल संस्कृति मंच के अटेली इकाई अध्यक्ष प्रदीप यादव ने बताया कि सैदपुर फतेहपुर सराय बहादुर नगर बेगपुर अटेली नावदी बिहाली कटकई नांगल व मोहनपुर गांव का इतिहास लिखा जा चुका है।

संवाद सहयोगी, मंडी अटेली : अहीरवाल संस्कृति मंच के अटेली इकाई अध्यक्ष प्रदीप यादव ने बताया कि सैदपुर, फतेहपुर, सराय बहादुर नगर, बेगपुर, अटेली, नावदी, बिहाली, कटकई, नांगल व मोहनपुर गांव का इतिहास लिखा जा चुका है। वहीं शेष गांवों का इतिहास लेखन का कार्य जारी है। अटेली इकाई अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि अहीरवाल क्षेत्र का सांस्कृतिक इतिहास है। सभी गांवों का सामूहिक इतिहास की एक किताब लिखी जाएगी। इसमें हर गांव का स्वतंत्र व व्यापक इतिहास होगा। पहले अलग-अलग गांवों का इतिहास लेखन का काम किया जा रहा है। अटेली विकास खंड के 43 गांवों में 11 गांवों का इतिहास लिखा जा चुका है। इन गांवों में अगर अन्य जानकारी मिलती है तो उसको भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दस्तावेज के संग्रह से अहीरवाल के इतिहास का लेखन होगा। भूतकाल के गर्त में पड़ा अहीरवाल का गौरवशाली अतीत लोगों के सामने आ सकेगा। भावी पीढ़ी को अतीत के इतिहास से परिचित कराना ही अहीरवाल संस्कृति का उद्देश्य है। सभी गांवों के इतिहास लेखन के बाद इस पर विश्वविद्यालयों में शोध का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पराधीनता के काम खंड में समृद्ध विरासत को न तो किसी लेखक ने लिखा और न ही किसी कवि ने अपनी कविता के माध्यम से इतिहास के बारे में बताया। स्थिति यह हो गई कि युद्ध में बलिदान देने वाले क्षेत्र के वीरो का कोई अता-पता नहीं है। इसलिए संस्कृति मंच ने क्षेत्र का इतिहास लिखने का काम शुरू किया है।
Edited By Jagran