6591 महाबलियों ने चीनी वायरस को जिले से धकेला बाहर
बीते एक साल में कोरोना के दाग से मुक्ति पाने में जिलावासियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
बलवान शर्मा, नारनौल: बीते एक साल में कोरोना के दाग से मुक्ति पाने में जिलावासियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जिले के 6614 नागरिकों को इस चीनी वायरस के साथ संघर्ष करना पड़ा। इस संघर्ष में जिले के 21 लोगों को जहां जान गंवानी पड़ी, वहीं 6591 लोगों ने बगैर वैक्सीन के कोरोना वायरस का दाग धो डाला। लेकिन संघर्ष की दास्तां बड़ी दिल को पीड़ा देने वाली रही। इस काल ने न केवल पीड़ा दी, बल्कि नए सबक भी दिए। बहुत से लोग बेरोजगार हुए तो बहुत सारे लोगों को जिदगी की गाड़ी को नए सिरे से चलाने के लिए नए हुनर तराशने सीखे।
शुरुआत के दिनों कोरोना पाजिटिव होना एक अपराध जैसा कृत्य बन गया था। स्वास्थ्य विभाग व सरकार ने अपील कर कोरोना पाजिटिव मरीज से नफरत नहीं, बल्कि सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया। विदेशों से आने वाले यात्रियों पर विशेष नजर रखी गई, वहीं लाकडाउन ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। बेशक कुछ समय के लिए लोगों को परेशानी हुई पर लाकडाउन से पर्यावरण को बड़ा फायदा मिला और इस दौरान लंबे अर्से पर नीला आसमान देखने को मिला। दूर दराज स्थित पहाड़ियां भी शहर व गांवों के मकानों पर खड़े होने पर दिखाई देने लगे। दिसंबर 2020 तक कोरोना पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा काफी ज्यादा रहा। हालांकि जिले में सर्वाधिक कोरोना मरीज सितंबर माह में आए। इसके बाद मरीजों की संख्या का ग्राफ धीरे-धीरे कम होता गया। जनवरी 2021 में महज 39 मरीज आए और फरवरी माह में तो कोरोना के केवल दो मरीज ही सामने आए। बसंत उत्सव वाला फरवरी माह वह खुशी लेकर आया, जब जिला कोरोना मुक्त होने का सपना भी साकार कर गया। पिछले तीन दिन से जिले में एक भी कोरोना मरीज नहीं है। अब दो-दो वैक्सीन स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध हो चुकी हैं और इन परिस्थितियों में कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने में जिलावासी सक्षम नजर आने लगे हैं। मई 42
जून 242
जुलाई 522
अगस्त 940
सितंबर 1699
अक्टूबर 1502
नवंबर 1320
दिसंबर 306
जनवरी 39
फरवरी 2
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वर्जन----
यह ठीक है कि जिले में कोरोना मरीज फिलहाल नहीं है। लेकिन हमें अभी भी सावधानी बरतनी होगी। मास्क व शारीरिक दूरी के नियम को लगातार अपनाए रखना होगा। समय-समय पर हाथों को धोते रहना है और सैनिटाइज करते रहें। सावधानी से ही हम कोरोना वायरस को पूरी तरह से भगा पाने में कामयाब हो पाएंगे।
--डा. अशोक कुमार,
सिविल सर्जन।