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आलू छंटाई का रेट घटाने से महिला पल्लेदारों ने कार्य बंदकर किया प्रदर्शन

अनाज मंडी बाबैन में आलू छंटाई का रेट 4 रुपये प्रति कट्टा से घटाकर 3 रुपये प्रति कट्टा करने से महिला पल्लेदारों ने कार्य बंद कर रोष प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 08:00 AM (IST)
आलू छंटाई का रेट घटाने से महिला पल्लेदारों ने कार्य बंदकर किया प्रदर्शन
आलू छंटाई का रेट घटाने से महिला पल्लेदारों ने कार्य बंदकर किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, बाबैन : अनाज मंडी बाबैन में आलू छंटाई का रेट 4 रुपये प्रति कट्टा से घटाकर 3 रुपये प्रति कट्टा करने से महिला पल्लेदारों ने कार्य बंद कर रोष प्रदर्शन किया। महिला पल्लेदारों ने पूरी मंडी में घूमकर पुरुष पल्लेदारों को भी आलू छंटाई का काम करने से रोक दिया।

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महिला पल्लेदार जवन्त्री, सत्या, कमला, छिमा, बाला, आशा, गुल्लु, तोषी, सोमी, शिमला, सुदेश व ममता का कहना है कि उन्हें पिछले साल से ही मंडी में आलू की छंटाई के लिए मजदूरी के रूप में 4 रुपये प्रति कट्टा मजदूरी मिल रही थी। वही इस साल भी पिछले 15 दिनों से उन्हें 4 रुपये प्रति कट्टा ही मजदूरी मिल रही थी। लेकिन शुक्रवार को अचानक ही उनकी मजदूरी 4 रुपये प्रति कट्टा से घटाकर 3 रुपये प्रति कट्टा कर दी गई। जो उनके साथ बेइन्साफी है। उन्होंने कहा कि आज महंगाई बढ़ रही है और कोरोना काल चल रहा है। ऐसे में उनकी मजदूरी बढ़ाने की बजाए कम करना किसी भी तरह से ठीक नहीं है। आज मार्केट में आलू का भाव भी पूरी तेजी पर है। ऐसे में उनकी मजदूरी कम करना किसी भी तरह से ठीक नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मजदूरी घटाई तो वे न तो स्वयं काम करेगी और न ही किसी अन्य मजदूर को मंडी में काम करने देगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल वाले रेट पर ही आलू छंटाई का काम मिलना चाहिए। इस बारे में बाबैन प्रधान लाभ सिंह अंटाल ने पल्लेदारों की मांग को जायज बताया और उनका समर्थन किया।


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