महिला शक्ति ने सेना में कमांड मिलने की सराहना की, बोली हम भी हैं जोश में..
सुप्रीम कोर्ट के सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन देने पर सहमति जताने वाला फैसला आते ही जिले भर की बेटियों व महिलाओं में है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सुप्रीम कोर्ट के सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन देने पर सहमति जताने वाला फैसला आते ही जिले भर की बेटियों व महिलाओं में है। इस पर एनसीसी कैडेट्स व एनसीसी महिला अधिकारियों व विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए काम करने वाली महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महिलाओं के लिए सम्मानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि महिलाएं हर तरह से सक्षम हैं चाहे वह घर हो, ऑफिस हो या फिर देश की सेवा के लिए सेना में योगदान देने का हो। राजकीय आदर्श विद्यालय की एनसीसी अधिकारी सुनीता कूपर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर महिलाओं को लेकर लिया गया निर्णय बहुत ही सम्मानजनक है। इस निर्णय के बाद महिलाएं ओर अधिक सशक्त होगी और उनका मनोबल बढ़ेगा। वे इस देश सेवा में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला सकेंगी। अग्रसेन पब्लिक स्कूल की एनसीसी अधिकारी बिदु शर्मा ने बताया कि वे बहुत खुश हैं। क्योंकि महिलाएं भी बहुत अच्छा कमांड कंट्रोल कर सकती हैं। लेकिन समाज में ऐसी सोच है कि महिलाएं कुछ नहीं सकती। कोर्ट के फैसले से उन लोगों का भ्रम टूटा हैं। क्योंकि कोर्ट ने माना है कि महिलाएं बेहतर कमांड कर सकती हैं। एनसीसी कैडेट अर्शदीप कौर ने बताया कि इस फैसले को सुनकर खुशी महसूस कर रही है। महिला अधिकारियों को भी सेना में स्थायी कमीशन मिल सकता है। यह निर्णय देश की महिला युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा। हमें यकीन है कि हम इस निर्णय को लेने लायक बना देंगे। एनसीसी कैडेट कविता ने बताया कि सशस्त्र बलों में महिलाओं का सबसे अधिक सम्मान है। सेवा करने वाली महिला अधिकारियों से बात करना और भारतीय सेना में महिलाओं के पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के पेशेवरों और विपक्षों के बारे में पहली बार विचार करना सबसे अच्छा है, लेकिन उन्हें एक उपयुक्त वातावरण प्रदान करना आवश्यक है। सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष दहिया ने बताया कि यह महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। महिलाएं चहार दीवारी से बाहर देश में समाज के लिए अपना योगदान देना चाहती है। उन महिलाओं के लिए इससे बड़ा अवसर मिलेगा। क्योंकि आज भी महिलाएं सेना में जाना चाहती हैं और लीड करना चाहती है। यह स्थायी कमीशन वाला फैसला बहुत ही सराहनीय है।