मौसम बदलते ही 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं
पिछले कई दिनों से लगातार चढ़ते जा रहे पारे को सुबह और शाम चली ठंडी हवाओं ने ब्रेक लगाई है लेकिन इसने गेहूं उत्पादक किसानों की चिता बढ़ा दी है। तेज हवा से गेहूं के खेत में पानी लगाते ही फसल बिछ रही है। इससे किसानों को नुकसान होने की आशंका है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पिछले कई दिनों से लगातार चढ़ते जा रहे पारे को सुबह और शाम चली ठंडी हवाओं ने ब्रेक लगाई है, लेकिन इसने गेहूं उत्पादक किसानों की चिता बढ़ा दी है। तेज हवा से गेहूं के खेत में पानी लगाते ही फसल बिछ रही है। इससे किसानों को नुकसान होने की आशंका है। गेहूं की फसल के खेत में बिछने से पैदावार में 10 फीसद तक की कमी आ सकती है।
सुबह और शाम की ठंडक से अधिकतम तापमान भी 32 डिग्री से कम होकर मंगलवार को 28 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। न्यूनतम तापमान भी दो डिग्री तक कम होकर 13 डिग्री तक पहुंच गया है। हवा के तेजी पकड़ने पर बुधवार को भी दिन भर हवा की गति 20 से 13 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रही। यही हवा गेहूं की फसल में पानी लगाते ही उसे गिरा रही है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को गेहूं को पानी लगाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने गेहूं को गिरने से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अगले एक-दो दिन इंतजार करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि वीरवार के बाद हवा की गति में कुछ कमी आएगी।
24 घंटे बाद कुछ कम होगी गति
कृषि विज्ञान केंद्र की मौसम विशेषज्ञ डा. ममता ने बताया कि अभी तीन चार दिनों तक मौसम इसी तरह का रहेगा। अगले 24 घंटों तक हवा की गति तेज रहेगी। इसके बाद हवा की गति के कुछ कम होने का अनुमान है।
बाली में वजन पड़ने पर गिर रही फसल
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने बताया कि इन दिनों में गेहूं की बाली में वजन हो गया था। ऐसे में फसल में पानी लगाते ही तेज हवा के कारण फसल गिर रही है। इन दिनों एकाएक गर्मी होने पर फसल को पानी की जरूरत है। लेकिन इसके लिए किसानों को कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। अगले 24 घंटों के बाद हवा की गति कुछ कम हो सकती है। किसान इसके बाद पानी लगा सकते हैं। इसके अलावा बिजाई करते हुए हैप्पी सीडर का उपयोग कर सकते हैं। हैप्पी सीडर से बिजाई करने पर इन दिनों में गेहूं की फसल के गिरने के आसार कम होते हैं।